अनोखा तीर, हरदा। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आमजनों को सलाह दी गई है कि वे बदलते मौसम में खान-पान का रखें ध्यान ताकि बीमारियां न करें परेशान। ताजा और हल्का भोजन ही खाएं, जंक फूड खाने से बचें, पानी अधिक मात्रा में पिएं, फलों का सेवन करें, चाय, कॉफी, गैस वाले पेय पदार्थों का सेवन नहीं करें, लू से बचें, बाहर घूमने जाएं तो अपना विशेष ध्यान रखें, पीने का पानी, जूस साथ रखें और हाइड्रेटेड रहें, पतले, ढीले सूती वस्त्र पहनें, अपने सिर को छाते तौलिया आदि से ढक लें, ताकि धूप के सीधे संपर्क में आने से बचा जा सके, नंगे पांव बाहर ना निकलें, अपना ध्यान रखें लू से बचें लू लगने के कारण होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। यदि आप या कोई भी अन्य व्यक्ति लू के कारण होने वाले तनाव के लक्षणों का अनुभव करता है, तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें।
लू लगने के संकेत
लू लगने के कारण होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। यदि आप या कोई भी अन्य व्यक्ति लू के कारण होने वाले तनाव के लक्षणों का अनुभव करता है तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें। लू लगने के संकेत चक्कर आना, जी मिचलाना, अत्यधिक प्यास लगना, पेशाब कम होना, सिरदर्द, हॉफना और दिल की धड़कन तेज होना आदि लक्षण लू लगने के संकेत होते है।
डिहाइड्रेशन के लक्षण
डिहाइड्रेशन अर्थात निर्जलीकरण के लक्षण सांस लेने में तकलीफ, होंठ सूखना या खून आना, स्किन ड्राई होना, सिर दर्द, सुस्ती और थकान, एकाग्रता में कमी, कब्ज, सांस में बदबू आना, मांसपेशियों में दर्द, पेशाब कम होना या उसका रंग बदलना, शरीर में पानी की कमी होने पर होती है। यह स्थिति तब पैदा होती है, जब शरीर से निकलने वाले पानी की मात्रा दिनभर में ली जाने वाली पानी की मात्रा से अधिक हो जाती है। व्यक्ति विशेष और शरीर में पानी की मौजूदगी के आधार पर समस्या की गंभीरता कम या ज्यादा हो सकती है। डिहाइड्रेशन अर्थात निर्जलीकरण से बचाव के उपाय लिए तरबूज, खरबूज, संतरा जैसे रसदार फल अधिक मात्रा में खाएं, ओआरएस का घोल पिएं, नींबू पानी, छाछ, आम पन्ना, नारियल पानी या फ्रेश जूस पिएं, घर से बाहर निकलते वक्त पानी की बोतल साथ में लेकर जाएं, लगातार पानी पीते रहें, चाय-कॉफी अथवा गर्म पेय का सेवन करने से बचें।
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