केन्द्र सरकार का दलहन फसलों को बढ़ावा देने पर फोकस….
अरहर की फसल यानि तुअर दाल की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने की दिशा में केन्द्र सरकार गंभीर है। फलस्वरूप सरकार ने अरहर और उड़द दाल पर आयात शुल्क में छूट को २०२५ तक बढ़ा दिया है। साथ ही तुअर उत्पादक किसानों का हौंसला बढ़ाने की दृष्टि से कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण ई-पोर्टल के माध्यम से दलहन फसलों की खरीदी के साथ साथ किसानों को एमएसपी अथवा उसे ऊंचे दाम पर फसल की खरीदी सुनिश्चित की जा रही है। इसकी तमाम कवायदों को पूरा करने के साथ् ही विगत दिनों ई-समृद्धि पोर्टल भी लांच हो चुका है। इससे स्पष्ट है कि केन्द्र सरकार दलहन फसलों की खरीदी को ओर अधिक पारदर्शी तथा किसानों के लिए लाभकारी फसल बनाने में जुटी है। यहां बताना होगा कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2027 तक भारत को दहलन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।
अनोखा तीर, हरदा। भारत सरकार के केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने देशभर में दलहन उत्पादक किसानों के हितार्थ फैसला लिया है। जिसका उद्देश्य दलहन फसलों के बढ़ावा देने के साथ ही बेहतर दाम पर उसकी खरीदी सुनिश्चित करने की कवायद प्रारंभ हो गई है, जो दलहन उत्पादक किसानों के लिए फायदेमंद साबित होने जा रहा है, वहीं भारत सरकार भी दाल के मामले में आत्मनिर्भर बनने की ओर कदम बढ़ा चुका है। इस दिशा में केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय समेत भारत सरकार के प्रमुख उपक्रम भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) निरंतर प्रयासरत है। इसको लेकर हाल ही केन्द्रीय सहकारिता मंत्री श्री शाह ने एक नया पोर्टल लांच किया है। जिसे नाफेड एवं एनसीसीएफ ने विकसित किया है। में सबकुछ ठीक रहा तो आगामी समय में दहलन फसलों का रकबा बढ़ना तय माना जा रहा है। सरकार की इस पहल के बाद जिले में अरहर यानि तुअर दाल की तरफ यहां के किसानों का रूझान बढ़ेगा। इसकी मुख्य वजह सरकार द्वारा खरीदी प्रक्रिया को सरल व सुगम बनाया जा रहा है। साथ ही तुअर की दाल एमएसपी से ऊंचे दाम पर खरीदना सुनिश्चित हुआ है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो आगामी समय में जिलेभर के सैकड़ों किसान लाभान्वित होंगे। बता दें कि हरदा जिले में फिलहाल अल्प सिंचाईं या यूं कहें कि सूखद इलाकों के अलावा वनंचल में तुअर दाल पर दांव लगाया जाता है। परंतु केन्द्र सरकार की नई व्यवस्था के तहत तुअर की खेती को बढ़ावा मिलेगा। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार वर्ष 2027 तक दहलन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयत्नशील है।
ई-समृद्धि पोर्टल तैयार
दलहन फसलों की खरीदी को ओर अधिक पारदर्शी एवं लाभदायक बनाने की मंशा से ई-समृद्धि पोर्टल प्रारंभ किया है। जिसके जरिये किसान नाफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से एडवांस में रजिस्ट्रेशन कर तुअर विक्रय की राह पर आगे बढ़ सकेंगे। जानकारी के मुताबिक पोर्टल सुविधा के तहत किसान एमएसपी या उससे अधिक दाम यानि बाजार भाव पर दाल बेच सकेंगे। किसानों को राशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया जाएगा, जो सीधे किसान के खाते में पहुंचेगा।
ई-समृद्धि पोर्टल का लाभ
प्राप्त जानकारी के अनुसार ई-समृद्धि पोर्टल के प्रारंभ होने के बाद अब किसान अपनी दलहन फसल को आसानी से बेच पाएंगे। किसानों को अपनी फसल बेचने के यहां-वहां भटकना नही पड़ेगा। क्योंकि, पोर्टल पर पंजीयन होने के बाद किसान घर बैठे ऑनलाइन सिस्टम से अपनी फसलों को उचित दाम पर बेच सकेंगे। जहां न्यूनतम समर्थन मूल्य अथवा उससे अधिक दाम पर खरीदी करने का फैसला लिया गया है। इस बीच अगर बाजार में तुअर दाल का भाव कम होता है तो इसका असर किसानों पर नहीं होगा।
नई व्यवस्था में यह खास
खास बात यह है कि रजिस्ट्रेशन का एक्नॉलेजमेंट आने के बाद नाफेड और एनसीसीएफ कम से कम एमएसपी पर किसान की दलहन खरीदने के लिए बाध्य है। इसके अलावा किसानों के सामने बाजार में अपनी दलहन फसल को बेचने का भी विकल्प भी खुला है। जानकारी के अनुसर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए आधार संख्या को सत्यापित किया जाता है। किसान की यूनिक आईडी बनाई जाती है। जो संबंधित किसान के भूमि रिकॉर्ड से अपडेट है। इस पोर्टल के माध्यम से आधार बेस्ड पेमेंट के साथ इंटीग्रेटेड करके किसानों की फसल का मूल्य सीधा उनके खाते में ट्रांसफर करने की व्यवस्था रहेगी।
अभी यह…
फिलहाल हरदा जिले के दूरस्थ ग्रामों समेत अन्य गांवों में किसानों छोटे-छोटे रकबे में तुअर दाल की बुआई करते हैं। जिसे तैयार होने में थोड़ा अधिक समय लगता है। जिसके चलते दूसरी फसल प्रभावित होने की आंशका के बीच किसान टप्पर के आसपास अथवा मेढ़ किनारे बुआई कर लेते हैं।
आगे यह….
अगर सरकार की नई व्यवथा ने रफ्तार पकड़ी तो किसानों का तुअर दाल की तरफ रूझान बढ़ेगा। जिसके बाद किसान तुअर का रकबा बढ़ाने में दिलचस्पी दिखाएंगे। क्योंकि, उन्हें तुअर का बेहतर दाम मिल सकेगा। वहीं खरीदी की आसान प्रक्रिया की वजह से उन्हें यहां-वहां भटकने की झंझट से निजात मिलेगा।
फेक्ट फाइल….
तुअर दाल का एमएसपी — 7000 रुपए
तुअर दाल का बाजार भाव — 8500 रुपए
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