जीएमसी में जूनियर डाक्टरों के विरोध पर झुका प्रशासन, डा. अरुणा को पुन: विभागाध्यक्ष बनाए जाने का आदेश निरस्त

भोपाल। जीएमसी से गायनेकोलोजी विभाग में एमडी कर रही जूनियर डाक्टर बाला सरस्वती सुसाइड मामले में आरोपों में घिरीं डा. डाक्टर अरुणा कुमार की गांधी मेडिकल कालेज में विभागाध्यक्ष के तौर पर वापसी के बाद विरोध के स्वर मुखर हो गए। इसके विरोध में जीएमसी के गायनी विभाग के जूनियर डाक्टरों ने काम बंद कर दिया। आखिरकार जूनियर डाक्टरों के विरोध के आगे प्रशासन को झुकना पड़ा और डा. अरुणा को गायनी विभाग का प्रमुख बनाए जाने का आदेश 24 घंटे के भीतर निरस्त कर दिया गया। इसके बाद जूनियन डाक्टर भी काम पर लौट आए।

पिछले साल अगस्त में हटाया था डा. अरुणा को
मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा डा. अरुणा कुमार को दोबारा से गायनेकोलाजी विभाग का एचओडी बनाया गया था। जिसके बाद जूनियर जूनियर डाक्टरों में रोष व्याप्त हो गया। दरअसल डा. अरुणा कुमार को बाला सरस्वती सुसाइड मामले में पांच अगस्त 2023 को हटाया गया था। बता दें कि 31 जुलाई को गांधी मेडिकल कालेज की जूनियर डाक्टर बाला सरस्वती ने खुदकुशी कर ली थी। उस वक्त वह गर्भवती भी थीं।
पांच अगस्त को खत्म हुई थी हड़ताल
डा. बाला सरस्वती सुसाइड केस को लेकर जूनियर डाक्टर्स 31 जुलाई 2023 से ही हड़ताल पर थे। पांच अगस्त 2023 को तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने जूनियर डाक्टरों के साथ चर्चा की। उन्होंने उचित कार्रवाई का भरोसा दिया, जिसके बाद जूनियर डाक्टरों ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा की थी। यह डाक्टर्स गांधी मेडिकल कालेज की गायनेकोलाजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर डा. अरुणा कुमार को हटाने की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे थे। जिसके बाद शासन ने उन्हें डीएमई अटैच किया गया था।

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