फसलों को कीटों के प्रकोप से बचाने कृषि विभाग की किसानों को सलाह

हरदा– रबी मौसम वर्ष 2023-24 अन्तर्गत जिले में कृषको द्वारा प्रमुख रूप से गेहूँ, चना, मक्का एवं सरसों आदि फसलों की बोनी की गई है। कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि प्रसार कार्यकर्ता द्वारा लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर, कृषको को सम सामायिक सलाह दी जा रही है।
उप संचालक कृषि ने वर्तमान में मौसम की प्रतिकूल परिस्थिति में फसलों जैसे चना फसल में उकठा रोग के लक्षण दिखाई देने पर फंफूद नाशक दवाई टेबुकोनाजॉल + सल्फर 400 ग्राम प्रति एकड़ अथवा टेबुकोनाजॉल + ट्राइ फ्लोक्सी स्ट्रोबीन 100 मि.ली. प्रति एकड़ अथवा थायोफिनेट मिथाइल + मेंकोजेब पूर्व मिश्रित फंफूद नाशक 250 ग्राम प्रति एकड़ दवाई का 100-125 लीटर पानी में पावर पंप द्वारा छिड़काव करने की सलाह किसानों को दी है। उन्होंने बताया कि गेहूं फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप कही-कही देखने को मिल रहा है। सर्वप्रथम कीट की पहचान इस प्रकार करे कि, जो पौधे पीले पड़ रहे है, उन्हे जड़ सहित उखाड़ कर सफेद कागज या सफेद गमछे पर झटक कर देखे कि भूरे रंग के बारीक बारीक कीट चलते हुए दिखाई देने पर क्लोरो पायरीफॉस 20 प्रतिशत ई.सी. 2 लीटर बालू रेत में मिलाकर खेत में भुरकाव करे अथवा दानेदार दवाई क्लोरो पायरीफॉस, 4 से 6 किलो ग्राम प्रति एकड़ भुरकाव पश्चात सिंचाई करे।

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