असर …सीमांकन एवं भू-अर्जन के द्वार पर खड़ी कार्रवाई  

रिंग रोड की रफ्तार धीमी पड़ी – अब सक्रिय प्रयासों की दरकार  

शहर में यातायात के बढ़ते दबाव को थामने के उद्देश्य से यहां प्रदेश सरकार रिंग रोड के निर्माण कार्य को हरी झंडी दे चुकी है। किंतु , चार कदम चलकर इसकी कार्रवाई धीमी पड़ गई है। ऐसे में इस महत्वपूर्ण सौगात को धरातल पर उतारने के लिए अथक प्रयासों की दरकार रहेगी। क्योंकि, रिंग रोड की प्रारंभिक कार्रवाई पूर्ण होकर सीमांकन एवं भू-अर्जन पर बात अटकी है। हालांकि, इस लेटलतीफी के पीछे हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के साथ ही इन दिनों खेतों में फसलें खड़ी होने की बात कही जा रही है। जबकि, रिंग रोड की कार्रवाई थोड़ा पीछे जाकर देखेंगे तो इसकी रफ्तार संतोषजनक प्रतीत होना तय है।  

 

इन्दौर रोड पर यहां से शुरू होगा रिंग रोड

अनोखा तीर, हरदा। इन्दौर रोड पर स्थित छोटी हरदा से खंडवा रोड तक बनने वाले रिंग रोड की कार्रवाई इन दिनों धीमी रफ्तार से चल रही है। जबकि रिंग रोड की प्रारंभिक कार्रवाई दौरान अफसरों की सक्रियता को देखकर क्षेत्र के किसान पूरी तरह आश्वस्त थे कि यह महत्वपूर्ण कार्य अतिशीघ्र प्रारंभ होने जा रहा है। हालांकि, क्षेत्रीय किसानों की यह उत्सुकता लाजमी थी। क्योंकि, इसको लेकर पूर्व जनप्रतिनिधि की तत्परता नित नए रंग ला रही है। इसी के फलस्वरूप रिंग रोड का प्रस्ताव, सर्वे तथा डीपीआर तैयार होने के साथ साथ प्रदेश सरकार ने इसे बजट में शामिल कर लिया गया। साथ ही 24 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की है। जिसके बाद रिंग रोड से संबंधित तमाम अटकलों को विराम लगा। लेकिन, इसके बावजूद क्षेत्र के किसानों के बीच कयासों का बाजार गर्म है। इसकी मुख्य वजह यह कि रिंग रोड कहां से निकलेगा ? अगर जमीन अधिग्रहित हुई तो मुआवजा कितना मिलेगा ? रिंग रोड की ऊंचाई ? समेत अन्य सवालों के जबाव फिलहाल अनसुलझे हैं। जो कि सीमांकन उपरांत फाइनल सर्वे के बाद स्पष्ट हो जाएगा। तब तक कयासों का दौर जारी रहेगा। बता दें कि शहर में बढ़ते यातायात के दबाव को कम करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने यहां रिंग रोड के निर्माण कार्य को हरी झंडी दिखाई है। किंतु , प्रारंभिक कार्रवाई की तुलना में रिंग रोड की कार्रवाई वर्तमान में कछुआ चाल चल रही है। स्थिति यह है कि इस महत्वपूर्ण कार्य को रफ्तार देने की जरूरत है। क्योंकि, प्रारंभिक कार्रवाई के बाद मामला सीमांकन एवं भू-अर्जन पर अटका हुआ है। इस बारे में लोक निर्माण विभाग का कहना है कि हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के चलते ब्रेक लग गया था। जिसके बाद खेतों में फसल बड़ी हो गई है। ऐसे में मैदानी अमले के साथ साथ किसानों को भी दिक्कतें होगी। इसलिये खेत खाली होने का इंतजार है।

कम होगा वाहनों का दबाव  

प्राप्त जानकारी के अनुसार लोक निर्माण विभाग 24 करोड़ रुपए की लागत से टू लेन रिंग रोड का निर्माण कराएगा। यह रिंग रोड इन्दौर-बैतूल नेशनल हाइवे पर छोटीहरदा स्थित नर्मदा मंदिर के बाजू से बनेगा, जो आगे रिछाड़िया होते हुए खंडवा स्टेट हाइवे पर स्थित कडोला तक बनाया जाएगा। इसके बनने के बाद हजारों लोगों को इसका लाभ मिलेगा। वहीं शहरवासियों को भारी वाहनों के दबाव से छुटकारा मिलेगा।

जमीन का करेंगे भू-अर्जन

उल्लेखनीय है कि पूर्व में रिंग रोड की लंबाई करीब 6 किमी प्रस्तावित थी, लेकिन पुन: इसका सर्वे करने पर इसकी लंबाई करीब डेढ़ किमी बढ़ गई थी। ऐसे में रिंग रोड की लागत भी बढ़ने के आसार हैं। दरअसल, रिंग रोड के लिए लोनिवि विभाग जहां सरकारी जमीन का उपयोग कर रहा है, वहीं इस बीच किसानों की जमीन आने पर उसे अधिग्रहित करना पड़ेेगा। इसके लिए भू-अर्जन की कार्रवाई पूर्ण की जाएगी। कितनी जमीन को अधिग्रहित किया जाएगा, विभाग ने यह खुलासा नहीं किया है।

 

रिंग रोड के फायदे …

 

– लंबे रूट के वाहन बाहर से ही निकल सकेंगे

– भारी वाहनों को शहर में एन्ट्री की जरूरत नही

– ६ कि.मी के दायरे में विकास के द्वार खुलेंगे

– शहर की आंतरिक व्यवस्था में व्यापक सुधार

– उद्योग-धंधों की अपार संभावनाएं बनेंगी

– वाहन दुर्घटना एवं ट्राफिक जाम से निजात

 

इनका कहना है…

 

इंदौर-बैतूल नेशनल हाइवे पर स्थित छोटीहरदा से रिछाड़िया होकर कडौला तक रिंग रोड बनाया जाना है, जिसका सर्वे भी चुका है। बारिश और विधानसभा चुनाव के कारण इसकी प्रक्रिया रूकी हुई थी। जल्द से जल्द सारी कार्रवाई पूर्ण कर निर्माण एजेंसी तय करेंगे।

 

सुभाष पाटिल, इंजीनियर

लोक निर्माण विभाग, हरदा

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