कवि और गीतकार प्रदीप की पुण्यतिथि है। उनका जन्म 6 फरवरी 1915 को उज्जैन के बड़नगर में हुआ। उनका असली नाम रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी था। बचपन से ही उन्हें हिंदी कविताएं लिखने का शौक था। स्नातक की पढ़ाई करने के बाद उन्हें बंबई में एक कवि सम्मेलन में शामिल होने का न्योता मिला। यहां बॉम्बे टाकीज स्टूडियों के मालिक हिमांशु राय उनके लेखन से काफी प्रभावित हुए और उन्हें अपनी फिल्म में गीत लिखने का प्रस्ताव दिया। यहीं से उनके फिल्मी करियर की शुरुआत हुई।
सीएम ने श्रद्धांजलि
कवि प्रदीप ने 70 से अधिक फिल्मों के लिए 1700 से ज्यादा गीत लिखे हैं। उनके कुछ मशहूर गीतों में “ऐ मेरे वतन के लोगों”, “सूनी पड़ी रे सितार”, “नाचो नाचो प्यारे मन के मोर”, “चल चल रे नौजवान”, “चने जोर गरम बाबू”, “पीयू पीयू बोल प्राण पपीहे”, “झूले के संग झूलो”, “दूर हटो ऐ दुनियावालो हिंदुस्तान हमारा है” आदि शामिल है। 1998 में उन्हें हिंदी फिल्मों में उनके योगदान के लिए दादा साहब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया। उन्होने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी पुण्यतिथि पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। आज के दिन उन्हे याद करते हुए हम हम उनका लिखा बेहद मशहूर गीत ‘ऐ मेरे वचन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी’ पढ़ते हैं।
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