ग्वालियर। दहेज प्रताड़ना संबंधी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के बाद प्रथक से आवेदन देकर फरियादिया ने देवर पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। जबकि पूर्ण रूप से पति-पत्नी के बीच का विवाद था। अभिभाषक अवधेश सिंह भदौरिया ने बताया कि इस एफआईआर को हाईकोर्ट में तथ्यों के साथ चुनौती दी गई। बचाव पक्ष कोर्ट में सिद्ध करने में सफल हुआ कि केवल ससुरालियों को परेशान करने के इरादे से यह प्रकरण दर्ज कराया है। यह बात सिद्ध होने पर न्यायालय ने प्रथम सूचना रिपोर्ट को खारिज कर दिया। अवधेश भदौरिया ने बताया कि इस तरह के प्रकरणों में यह फैसला एक नजीर है।
अभिभाषक अवधेश भदौरिया ने बताया कि महाराजपुरा थाना क्षेत्र निवासी फरियादिया ने महाराजपुरा थाने में एक आवेदन दिया कि ससुरालीजन उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करते हैं। फरियादिया की शादी शैलेंद्र के साथ हुई थी। एक छह साल की बेटी भी है। सर्विस के कारण बैंगलूरू व फरीदाबाद में रहते थे। लाक डाउन में वापस ग्वालियर आ गए। नौ जून को फरियादिया का पूजा का सामान मंगाने को लेकर पति से विवाद हो गया। फरियादिया ने आरोप लगाया कि पति ने घरवालों के सामने उसकी मारपीट की। इससे पहले यह लोग दहेज के लिए ताने मारते थे। महाराजपुरा थाना पुलिस ने दहेज एक्ट का मामला दर्ज कर लिया। फरियादिया ने एफआइआर दर्ज कराने के बाद एक प्रथक से आवेदन देकर आरोप लगाया कि महाराजपुरा थाना पुलिस ने उसके अनुसार प्रकरण दर्ज नहीं किया है और देवर पर छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया। जबकि पुलिस ने फरियादिया की लिखित शिकायत पर प्रकरण दर्ज किया था। पुलिस ने छेड़छाड़ की धारा भी जोड़ दी।
बचाव पक्ष ने बताया कि फरियादिया ने सोच समझकर देवर व देवरानी को असत्य रूप से आलिप्त किया है। इसके साथ अन्य ससुराली भोपाल व भिंड में रहते हैं। इसलिए यह आरोप विश्वसनीय नहीं है। उच्च न्यायालय में तथ्यों के आधार सिद्ध हुआ कि केवल पति-पत्नी का विवाद था। कोर्ट ने इस एफआइआर को खारिज कर सभी आरोपितों को राहत दी।
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