विकास पवार बड़वाह – विधानसभा 182 में भी इंदौर की विस 1 की तर्ज पर चुनाव लडा जा रहा है। एक पार्टी प्रत्याशी के पास संचालित योजना और दूसरे प्रत्याशी के पास घोषणा पत्र है। जिस प्रत्याशी के पास केवल योजना है वह दूसरी बार बड़वाह विस से चुनाव लड़ रहा है। वही दूसरा प्रत्याशी राजनीति का मास्टर माइंड व कोरा कागज है। यह प्रत्याशी भाजपा से सचिन बिरला और कांग्रेस से नरेंद्र पटेल चुनावी मैदान में है। श्री बिरला के पास योजना और श्री पटेल के पास घोषणा पत्र है। लेकिन भाजपा के पिछले कार्यकाल की गतिविधियों से असंतुष्ट मतदाता बिल्कुल मौन है। जबकि कांग्रेस के कोरे कागज पर हर मतदाता अपनी मोहर लगाने की मंशा जाहिर कर रहा।
एक समाज दो प्रत्याशी ——
बड़वाह विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे दोनो खिलाड़ी गुर्जर समाज से है। ऐसे में समाज सदस्य भी किसके पाले में जाते है। यह कहना अभी कठिन है। हालाकी वर्ष 2018 में पूर्व विधायक बिरला को करीब 30 हजार मतों से जीताने वाले यही समाज सदस्य है। जो आज श्री बिरला के भाजपा में जाने के बाद अब कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र पटेल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है। लेकिन अभी यह समझना भी मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है की समाज किसको अपना समर्थन देती है। हालाकी इस बार दोनो दलों की जीत गुर्जर समाज पर ही टिकी है। ऐसा इसलिए की इनके सामने एक स्थानीय दमदार निर्दलीय प्रत्याशी श्याम रावत और त्रिलोक राठौर बहुजन समाज पार्टी से मैदान में अपनी भूमिका निभा रहे है। जो कही ना कही भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के समीकरण को ठेस पहुंचा सकते है। खेर इस बात का खुलासा तो अब तीन दिसंबर को मतगणना के दौरान ही होगा।
चुनावी चर्चे ग्रामीण के —–
जब से दोनो पार्टी में प्रत्याशियों के टिकट तय हुए। उसी दिन से ही ग्रामीण क्षेत्रों में सत्य और असत्य की चुनावी लड़ाई शुरू हो गई। जबकि भाजपा कार्यकर्ता की नाराजगी वीडियो के माध्यम से जग जाहिर भी हुई। लेकिन जनचर्चा में कार्यकर्ताओ की इस नाराजगी को लोगो ने प्रायोजित होना भी बताया। हालाकी इस तरह का माहौल ग्राम लखन पूरा, सिरलाय और सनावद क्षेत्र के कुछ गांव से वायरल वीडियो में देखने को मिला था। लेकिन समय के साथ कार्यकर्ताओ की इस नाराजगी पर विराम लग गया। इसके बाद ताजूब तब हुआ जब कार्यकर्ताओ की नाराजगी के बाद एक भाजपा नेता ने अपनी नाराजगी का आडियो, वीडियो और पोस्ट ग्रुप में शेयर कर डाली। जो नगर में चर्चा का विषय रही। हालाकी इस बार विस चुनाव में दोनो प्रत्याशियों की जीत को लेकर नगर से ग्रामीण क्षेत्रों तक काफी चर्चे है। लेकिन जीत किसकी होगी यह मतगणना में मालूम पड़ेगा।
सोशल मिडिया पर दोनो प्रत्याशियों के समर्थक एक्टिव —-
सोशल मिडिया पर दोनो प्रत्याशियों के समर्थक अपने अपने मन के विचार व्यक्त कर अपने प्रत्याशी की जीत के दावे कर रहे है। लेकिन इस बार दोनो प्रत्याशियों के समर्थको की संख्या के अनुसार सोशल साइड पर लाईक और कमेंट्स की भरमार अत्यधिक दिखी रही है। जिससे यह अंदाजा लगाना गलत होगा, की इस बार भाजपा बाजी मारेगी या कांग्रेस।
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