नई दिल्ली- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कल नई दिल्ली में 200 जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत जनजातीय युवाओं से संवाद किया। संवाद के दौरान गृह मंत्री ने कहा कि देश के संविधान में सबके लिए समान अवसर उपलब्ध हैं और युवाओं को अपने जीवन के लक्ष्य को देश के विकास के साथ जोड़कर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय के लोगों के लिए अनेक अवसर उपलब्ध हैं, यह गर्व की बात है कि एक जनजातीय महिला द्रौपदी मुर्मु देश की राष्ट्रपति हैं।
अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित क्षेत्रों में अपने निहित स्वार्थ के लिए भ्रांति फैलाई जा रही है कि देश में जनजाति समुदाय के बच्चों का कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंसा से रोजगार नहीं मिल सकता, बल्कि विकास और आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिए समाज की मुख्यधारा से जुड़ना ज़रूरी है। अमित शाह ने कहा कि जो लोग वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल टॉवर, सड़क और अन्य ज़रूरी सुविधाएं नहीं आने देना चाहते, वो युवाओं के उज्जवल भविष्य की राह में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि ये युवाओं की ज़िम्मेदारी है कि वो ना तो खुद गलत रास्ते पर जाएं और ना ही दूसरों को जाने दें। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवादी और उनकी विचारधारा देश के विकास और उज्जवल भविष्य के विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के विचार को खत्म करने में जनजाति युवाओं को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि जनजाति युवाओं को देश भ्रमण के बाद अपने गांव वापस जाकर सबको बताना चाहिए कि देश हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और जनजातियों के लिए हर क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि किसी का जन्मस्थान महत्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि जीवन में किए गए कार्य महत्वपूर्ण होते हैं, केवल पुरुषार्थ से ही धन, विद्या और सम्मान प्राप्त किया जा सकता है। अमित शाह ने जनजाति युवाओं से कहा कि वे ये तय करें कि उन्हें जीवन में क्या बनना है और उसके लिए पुरुषार्थ करें।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 200 करोड़ रूपए की लागत से देश के स्वाधीनता संग्राम में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में देशभर में 10 जनजातीय संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने ही वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ की नीति अपनाई है। इस नीति के परिणामस्वरूप 4 दशक में सबसे कम हिंसा और मृत्यु में दर्ज की गई है। कालखंड के मुकाबले बीच वामपंथी उग्रवाद संबंधी हिंसा में 52 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है, मृत्यु में 69, सुरक्षाबलों की मृत्यु में 72 और नागरिकों की मृत्यु में 68 प्रतिशत की कमी आई है।
भारत सरकार वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित राज्यों में विकास को गति देने के लिए कई कदम उठा रही है। सड़क निर्माण, दूरसंचार, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर खास ध्यान दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने वामपंथी उग्रवाद से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में विकास को गति देने के लिए योजना के तहत 14000 से अधिक परियोजनाएं शुरू की हैं, इनमें से 80% से अधिक परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। योजना के तहत वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित राज्यों को 3296 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। के निर्माण, राज्य खुफिया शाखाओं और वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित राज्यों केको मजबूत करने के लिए 992 करोड़ रुपये की परियोजनाएं मंजूर की गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने 9 वर्षों में को पहले की तुलना में लगभग दोगुना बढ़ाने का काम किया है।
जनजातीय युवा आदान प्रदान कार्यक्रम से 25,880 जनजातीय युवाओं ने भाग लिया। पिछले 9 वर्षों, से 20,700 युवाओं ने इसमें भाग लिया और पिछले 4 वर्षों में 10,200 युवाओं ने भाग लिया। इस वर्ष 5000 युवक और युवतियों भाग ले रहे हैं। पहले हर साल 2000 प्रतिभागी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते थे, जिसे बढ़ाकर 4000 और 2022 में 5000 प्रतिभागी प्रति वर्ष कर दिया गया है।
इस कार्यक्रम में संवैधानिक प्राधिकारियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और खेल, उद्योग, कला आदि में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वालों तथा अन्य रोल मॉडल्स को युवाओं के साथ संवाद के लिए आमंत्रित किया जाता है। इसके अतिरिक्त उद्योग एक्सपोजर यात्रा, आजादी का अमृत महोत्सव के तहत गतिविधियां, भाषण प्रतियोगिता, कौशल विकास, कैरियर मार्गदर्शन, खेल आयोजनों के लिए एक्सपोजर, सुरक्षा बलों के कैंप का दौरा, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि का भी आयोजन किया जाता है। जब ये युवा अपने मूल स्थान वापस लौटते है तब एक कार्यक्रम भी किया जाता है ताकि ये युवा अपने क्षेत्र के अन्य युवाओं और निवासियों के साथ अपने अनुभव साझा कर सकें।
इस वर्ष के अंतर्गत 25 ग्रुप्स में युवाओं को देशभर के प्रमुख शहरों और महानगरों के भ्रमण पर ले जाया जा रहा है। प्रत्येक ग्रुप में वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों के अंदरूनी हिस्से के 200 युवक और युवतियों होंगे।
राजधानी दिल्ली में इस साल तीन समूह आयेंगे और पहला समूह 21 अक्तूबर के बीच दिल्ली भ्रमण पर है। इस समूह में छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, बस्तर, दांतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर व राजनंदगांव से 140 प्रतिभागी और मध्य प्रदेश के बालाघाट से 60 प्रतिभागी शामिल हैं।
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