प्रथम छःमाही में माल यातायात से रेल राजस्व ढ़ाई हजार करोड़ के पार

जबलपुर। पश्चिम मध्य रेल ने गतवर्ष की तुलना में इस साल माल यातायात से रेल राजस्व में शानदार वृद्धि दर्ज की है। पमरे महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता के कुशल मार्गदर्शन में और वाणिज्य विभाग तथा परिचालन विभाग एवं बीडीयू टीम के संयुक्त प्रयासों से वित्तीय वर्ष के प्रथम छःमाही यानी अप्रैल से सितम्बर 2022 तक 2579 करोड़ 48 लाख रूपये माल यातायात से ऑरिजनेटिंग आय अर्जित की, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 1923 करोड़ 14 लाख रूपये की तुलना में 34 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। रेलवे बोर्ड द्वारा प्रथम छःमाही का माल यातायात का लक्ष्य 2213 करोड़ 19 लाख रूपये निर्धारित किया गया था। इस लक्ष्य को भी हासिल कर लिया गया और लक्ष्य की तुलना में लगभग 17 प्रतिशत वृद्धि की।
       अकेले सितम्बर माह की बात करे तो 434 करोड़ 36 लाख रूपये प्रारंभिक आय (ऑरिजनेटिंग रेवन्यू) माल यातायात से अर्जित किया जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में अर्जित 274 करोड़ रूपये की तुलना में 58 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। इसी तरह यदि हर महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो पाएंगे कि अप्रैल में 413 करोड 24 लाख, मई में 448 करोड 09 लाख, जून में 414 करोड़ 97 लाख, जुलाई में 442 करोड़ 96 लाख, अगस्त में 425 करोड 87 लाख एवं सितम्बर में 434 करोड़ 36 लाख रूपये का रेल राजस्व अर्जित किया।
       उल्लेखनीय है कि पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा माल यातायात में जबलपुर मण्डल में 70 प्रतिशत, भोपाल मण्डल में 15 प्रतिशत एवं कोटा मण्डल में 15 प्रतिशत फ्रेट लोडिंग होती है। जिसमें कमोडिटी वाइज लोडिंग मुख्यतः 10 सामग्रियों का लादान किया जाता है, जिसमें 28 प्रतिशत सीमेंट, 19 प्रतिशत कोयला, 13 प्रतिशत क्लिंकर, 13 प्रतिशत खाद्यान्न, 10 प्रतिशत खाद, 05 प्रतिशत आयरन ओर तथा 02 प्रतिशत कन्टेनर है, जो कि माल यातायात का कुल 90 प्रतिशत होता है। इस प्रकार माल यातायात में मुख्यतः सीमेन्ट, कोल, क्लिंकर, फर्टिलाइजर एवं फ़ूड ग्रेन की फ्रेट लोडिंग में वृद्धि करते हुए निर्धारित लक्ष्य से अधिक फ्रेट लोडिंग की गई है। पमरे पर माल लादान के लिए 120 से भी अधिक गुड्स शेड एवं साइडिंग्स हैं।
      माल यातायात बढ़ाने के लिए पमरे द्वारा निम्नलिखित निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं
  • फ्रेट लोडिंग को बढ़ावा देने के लिए पमरे मुख्यालय और तीनों मंडलों में व्यापार विकास इकाइयां (बीडीयू) स्थापित की गई हैं। इसके तहत नये लोडिंग स्ट्रीम से माल यातायात को बढ़ावा दिया जा रहा है। माल व्यापारियों के साथ निरंतर बैठकें की जाती हैं ।
  • मालगाड़ियों की औसत गति में वृद्धि करके अलग-अलग रेल खण्ड की क्षमता में वृद्धि और इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी बढ़ाया। साथ ही साथ ऑपरेशनल सुधार भी किये जा रहे हैं।
  • गुड्स टर्मिनल की वर्किंग में सुधार एवं मालगाड़ियों के डिटेंशन को कम किया गया। इससे मालगाड़ियों के संचालन में तेजी आई और माल ढुलाई में वृद्धि हुई।
  • माल गोदामों में राउण्ड द क्लाॅक यानि चौबीस घंटे लोडिंग एवं अनलोडिंग सेवाएँ शुरू की गईं।

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