अनोखा तीर, हरदा। महात्मा गांधी का व्यक्तित्व विराट और विशाल था। उन्होंने हजारों गांधी पैदा किये, प्रोफेसर महेश दत्त मिश्रा उनमें से एक थे। वर्तमान समय में गांधी को समझने की आवश्यकता है। गांधी को जानने के लिए उन्हें पढ़ना बहुत जरूरी है। गांधी जब स्मृतियों से मिटाए जा रहे हैं, तब गांधी को ज्यादा पढ़ा जाना चाहिए । गांधी की शिक्षा व्यवस्था से लेकर गांधी की धर्म विषयक अवधारणाओं में गांधी बहुत गहरे हैं। पूरी दुनिया में गांधी को आज भी वैचारिक दृढ़ता के कारण याद किया जाता है । उनका व्यक्तित्व हिमालय की तरह अडिग रहा। उक्त उद्गार वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री ने यहां चंद्र गोपाल जनक दुलारी मिश्र परमार्थ ट्रस्ट द्वारा आयोजित व्याख्यान में व्यक्त किए। वे हरदा के गांधी प्रोफेसर महेश दत्त मित्र के 111वें जन्म जयंती पर बोल रहे थे । उन्होंने कहा कि प्रो मिश्र भारतीय शैली की शिक्षा व्यवस्था चाहते थे, ताकि बच्चा खेत व कारखाने में काम करके रोजगार मूलक अर्थ उपार्जन में लगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पत्रकार एवं लेखक डॉ राकेश पाठक ने की। श्री पाठक ने कहा कि गांधी के रास्ते पर चलकर तत्कालीन परिस्थितियों में कई राष्ट्रोंं को स्वतंत्रता मिली। नेल्सन मंडेला से लेकर बराक ओबामा तक कई नेता थे, जिन्होंने गांधी के रास्ते को अपनाया । ईशा के बाद गांधी अकेले ऐसे विश्व पुरुष हैं, जिनके हर पल और हर दिन को लिखा गया है और वह दस्तावेज किताबों के रूप में उपलब्ध है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
निष्पक्षता के लिये अध्ययन जरूरी
कार्यक्रम में बीबीसी के पत्रकार नरेश कौशिक ने गांधी की पत्रकारिता पर प्रकाश डालते हुए कहा की निष्पक्षता सघन तथा जमीनी अध्ययन पर आधारित रहती है। इंडियन ओपिनियन अखबार के परिपेक्ष में उन्होंने गांधी की पत्रकारिता पर विस्तार से जानकारी साझा की। कार्यक्रम को इन्दौर से पधारे डॉ सतीश शुक्ला ने भी संबोधित किया ।
ट्रस्टी ने प्रस्तुत किया ट्रस्ट प्रतिवेदन
कार्यक्रम का सफल संचालन साहित्यकार ज्ञानेश चौबे ने किया, वहीं आभार ट्रस्ट के अध्यक्ष दिलीप मिश्रा ने व्यक्त किया। इससे पहले ट्रस्ट प्रतिवेदन ट्रस्टी उमाशंकर जोशी ने प्रस्तुत किया। ट्रस्ट परिवार की ओर से मधु मिश्रा, महेंद्र जैन, सुदीप मिश्रा एवं प्रेम धुर्वे ने अतिथियों का स्वागत कर उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किये।
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