पूर्व मंत्री के संकल्प को उम्मीद अनुरूप रफ्तार…. हंडिया बैराज से मजरे-टोलो में लहलहाएंगी फसल
शत-प्रतिशत सिंचित की तरफ बढ़ा कदम - सिंचाईं सुविधा से परे खेतों की बूझेगी प्यास
अनोखा तीर, हरदा। जिले की हंडिया तहसील में नर्मदा तटीय ग्राम भमौरी में शहीद इलापसिंह माइक्रो उद्वहन परियोजना का काम युद्ध स्तर पर जारी है। यहां निर्माण एजेंसी दिन रात काम कर रही है। आगे उनकी ये रफ्तार ओर अधिक बढ़ने की बात कही जा रही है। क्योंकि, गर्मी प्रारंभ होते ही उसका असर नर्मदा के जलस्तर पर दिखाई देगा। ऐसे में कार्यस्थल पर काम की गति ओर बढ़ने के आसार जताए जा रहे हैं। बता दें कि पूर्व विधायक एवं प्रदेश के तत्कालीन कृषि मंत्री कमल पटेल का जिले को शत-प्रतिशत सिंचित करने की दिशा में इस परियोजना की नींव रखी है। वहीं मोरंड-गंजाल परियोजना भी सिंचाईं के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। क्योंकि, यही परियोजनाएं जिले को सिंचाईं के मामले में अव्वल बनाने के साथ साथ किसानों के लिये आर्थिक बदलाव का संकेत है। खासकर वे गांव जो सिंचाईं सुविधा से मोहताज हैं। उन गांवों में यह सिंचाईं परियोजनाएं जहां खुशहाली के द्वार खोलेंगी। वहीं गांव तथा ग्रामीण उन्नति की ओर अग्रसर हो सकेंगे। इतना ही नही, किसान के हाथों को भरपूर काम तथा मजदूरों का पलायन थमेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार हंडिया में प्रस्तावित शहीद इलापसिंह माइक्रो उद्वहन परियोजना पूर्णता की ओर अग्रसर है। यहां बैराज की लंबी एवं चौड़ी पाल तैयार की है। जिसे मापदंडो के अनुरूप मूर्तरूप दिया जा रहा है। उधर, प्रस्तावित गांवों के किसान पलकें बिछाकर पानी के आगमन का इंतजार कर रहे हैं।
केनाल से सिंचाईं का पानी
जानकारी के अनुसार प्रस्तावित कार्ययोजना के तहत सबसे पहले बैराज का काम पूरा होगा। इसी के साथ पाइप की केनाल तैयार करने का सिलसिला प्रारंभ होगा। इसी केनाल से किसानों को सिंचाईं के लिये पानी मुहैया कराने की योजना है। इसके लिये सर्वे समेत अन्य आवश्यक कार्रवाई पहले ही पूर्ण हो चुकी है।
बंजर खेतों के बदलेंगे दिन
७२० करोड़ रूपये की माइक्रो उद्वहन परियोजना के पूरा होने के बाद सूखे और बंजर खेतों के दिन बदलना तय है। सिंचाईं के लिये पर्याप्त पानी मिलने पर उन्हीं खेतों में फसलें लहलहाएंगी। इसको लेकर प्रस्तावित ग्रामों के किसानों में हर्ष है। परियोजना से हंडिया सहित हरदा, टिमरनी और खिरकिया क्षेत्र के गांव लाभान्वित होंगे।
फेक्ट फाइल….
परियोजना की लागत — ७२० करोड़
लाभान्वित ग्राम — ११८
सिंचाईं रकबा — २६ हजार ८९० हेक्टेयर
एक नजर में गांव….
हंडिया तहसील — 68 गांव
खिरकिया तहसील — 25 गांव
टिमरनी तहसील — 21 गांव
हरदा तहसील — 4 गांव