वेयरहाउस संचालकों ने किसानों के साथ सड़क पर लगाया जाम
जबलपुर। पहले बिना परमिशन के वेयरहाउस में किसानों की धान रखी गई, फिर मामला मचा तो जांच अधिकारियों ने वेयरहाउस में जांच की तो बड़ी मात्रा में धान बरामद हुई। मामला भोपाल तक पहुंच और छह अधिकारी निलंबित हुए और 36 वेयरहाउस को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया। अब ब्लैक लिस्ट में आने वाले वेयरहाउस संचालक हड़ताल पर उतर आए हैं। उन्होंने किसानों के साथ पाटन बायपास पर सड़क पर टैक्टर-ट्राली लगाकार जाम किया।
मंत्री राकेश सिंह ने नौ जिलों के कलेक्टर को निर्देशित किया
खबर पुलिस और प्रशासन तक पहुंची तो मौके पर तत्काल अपर कलेक्टर शेरसिंह मीणा, एएसपी कमल मौर्य, एसडीएम अनुराग सिंह पहुंचे और उन्हें समझाया गया। इधर एसीएम की बैठक में कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह ने सभी नौ जिलों से आए कलेक्टर को निर्देशित किया है संभाग में किसानों को धान बेचने में किसी तरह की समस्या न आए। उपार्जन में लापरवाही करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों और लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों की जांच भी की जाए।
अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने
सड़क जाम करने वाले प्रदर्शनकारियों को पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। इस दौरान उन्होंने किसानों की मांग पर विचार करने दो दिन का समय मांगा है। इधर किसानों का कहना है कि जब मौसम खराब हो रहा था और प्रशासन खरीदी केन्द्र नहीं बना पा रहा था ताे किसान करते क्या। उन्होने खरीदी की संभावना पर वेयर हाउसों के बाहर धान एकत्र कर दी। अब यदि उसी धान को दूसरी जगह ले जाना पड़ेगा तो अलग से खर्चा आएगा और कई मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। इसी मांग को लेकर किसानों ने पाटन बायपास पर लम्बा जाम लगाया गया। शुक्रवार को किसानों ने ट्रेक्टर- ट्रालियों में धान भरकर माढ़ोताल के पास प्रदर्शन शुरू कर दिया। देखते ही देखते सैकड़ों किसान और एकत्र हो गए और जाम बढ़ता ही गया।
किसान बोले, प्रशासन जिम्मेदार अधिकारियों को बचा रहा
किसानों को कहा कि मार्कफेड और वेयर हाउसिंग कारपोरेशन। इन दोनों विभागों के अधिकारियों पर भोपाल से गाज गिरी और मार्कफेड के डीएम रोहित बघेल तथा वेयर हाउसिंग के आरएम डीके हवलदार को सस्पेंड कर िदया गया, इससे कोई बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। अभी भी पाटन, शहपुरा और सिहोरा में कई अधिकारी हैं, जो सीधे तौर पर दोषी हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रशासन उन्हें बचा रहा है। इधर वेयरहाउस एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील शर्मा ने बताया कि जिन वेयरहाउस में धान और सरकारी बारदाने मिले, उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाना उचित है, लेकिन जिन्होंने ऐसा नहीं किया, उन्हें भी घेरे में लेकर खाद्य अापूर्ति विभाग ने ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। इसका सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है, जिन्होंने वेयरहाउस के बाहर अपनी धान रखी है।
धान की अच्छी गुणवत्ता बताने मांगते हैं पैसे
जिला प्रशासन ने धान की खरीदी तेज करने के लिए 20 नए उपार्जन केंद्र बनाए हैं। हालांकि अभी भी धान खरीदी में भ्रष्टाचार और लापरवाही जारी है। अभी तक वेयरहाउस संचालकों पर कार्रवाई की गाज गिरी, लेकिन अब उपार्जन कार्य में लगे सर्वेयर की भूमिका भी संदेह में आ गई है। सूत्र बताते हैं कि अब उपार्जन केंद्र में किसानों की धान की गुणवत्ता का खेल चल रहा है। पैसे देने पर अच्छी धान बताने और देने पर खराब धान बताकर उसकी तुलाई न करने का खेल शुरू है। इस दौरान सर्वेयर की योग्यता और कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गई है। किसानों की माने तो उपार्जन केंद्रों में धान की जांच क्वालिटी सर्वेयर को दी गई है, लेकिन इन्हें इसकी परख ही नहीं है। सर्वेयरों की नियुक्ति कर निजी कंपनी इन्हें उपार्जन केंद्रों पर तैनात करती है, लेकिन इन्हें एग्रीकल्चर बीएससी होना जरूरी है, जो यह नहीं है।
इनकी योग्यता और काम की जांच नहींं
सूत्रों की माने तो इन दिनों उपार्जन केंद्र में तैनात इन सर्वेयर की योग्यता की जांच ही नहीं की गई। निजी कंपनी ने 10 वीं 12 वीं पास काे ही यहां तैनात कर दिया गया। इस मामले में किसी भी क्वालिटी सर्वेयर का जबलपुर में आने के बाद फिजिकल या डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन नहीं हुआ है। उन्हें जो धान को पास या फेल करने के लिए ऑनलाइन आईडी प्रदान की जाती है वह उनके मोबाइल में लॉगिन होती है। उसे यह पता नहीं चल सकता कि इस आईडी का इस्तेमाल कौन कर रहा है। ऐसे आशंका जताई जा रही है कि कुछ कंपनियों के द्वारा एक ही सर्टिफिकेट के आधार पर अलग-अलग जिलों में काम ले लिया गया है । इधर प्रशासन सर्वयर को आईडी पासवर्ड की जगह बायोमेट्रिक के आधार पर उपज को फेल या पास करने की सुविधा देती है फिर यह खेल चल रहा है।
उड़नदस्ते को नहीं मिली कोई गड़बड़ी
मचे हंगामे से प्रशासन भी अब सक्रिए हो गया है। परियोजना संचालक आत्मा डा. एसके निगम के नेतृत्व में विकासखंड पाटन विकासखण्ड के वैष्णवी वेयर हाउस बोरिया और शिवशक्ति वेयर हाउस लोहारी का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उड़नदस्ता दल ने किसानों से बातचीत की । किसानों ने बताया कि प्रति बोरी 40 किलो 600 ग्राम वजन तुलाई बताई गई तथा किसी प्रकार का कोई कमीशन लिये जाने की बात नहीं कही गई। उड़नदस्ता दल द्वारा दोनों खरीदी केंद्र परिसर में नॉन एफएक्यू धान का ढेर पाए जाने पर केंद्र प्रभारियों को इसे सबंधित किसान को तुरंत वापस करने के निर्देश दिये गए। वैष्णवी वेयर हाउस में खरीद किए गए लॉट पर किसान कोड़ नहीं पाए जाने पर समस्त लॉट में किसान कोड लिखने के लिए निर्देशित किया गया ।