केरल के कोच्चि में केंद्रीय मत्स्य पालन व डेयरी मंत्री परशोत्तम रुपाला ने 16वीं कृषि विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया।
इस चार दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य प्रमुख कृषि अर्थशास्त्रियों, वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, किसानों और उद्यमियों को एक साथ लाना है।
कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरई) के सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने कहा कि भारत की खाद्यान्न मांग वर्ष 2033 तक बढ़कर 340 से 355 मीट्रिक टन तक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कृषि और वस्तुओं में तकनीकी सफलताओं के लिए जीनोमिक्स और जीनोम संपादन पर शोध मुख्य फोकस होगा जहां पारंपरिक प्रजनन वांछित परिणाम नहीं दे सकता है।
मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि अब कार्बन तटस्थ विकास मार्गों की ओर अग्रसर होने और उत्पादन में वृद्धि करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि फसल कटाई के बाद के क्षेत्र पर भी तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।