एक तीर से दो निशाने… भाजपा की रणनीति साधेगी विधानसभा के साथ लोकसभा चुनाव भी

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अनोखा तीर, हरदा। भारतीय जनता पार्टी द्वारा 1 महीने के अंतराल में ही उम्मीदवारों की 2 सूची जारी कर दी गई है। इस सूची के जारी होने के बाद राष्ट्रीय स्तर के चुनावी रणनीतिकार मान रहे हैं कि भाजपा की यह केंद्रीय चुनावी रणनीति निश्चित रूप से भाजपा के लिए न केवल विधानसभा चुनाव में कारगर सिद्ध होगी बल्कि आने वाले लोकसभा चुनाव तक इसका असर दिखाई देगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जिन राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव लड़ाया जा रहा है, उनका असर संबंधित विधानसभा से लगी हुई सभी विधानसभाओं के साथ-साथ करीब लगी हुई लोकसभा क्षेत्र पर भी पड़ेगा। भारतीय जनता पार्टी की दूसरी लिस्ट आने के बाद भी कांग्रेस पार्टी की ओर से एक भी सूची जारी न होना रणनीति के मामले में कांग्रेस को विफल दिखा रहा है। वहीं दूसरी ओर भाजपा के लिए ये प्रयोग उम्मीदवारों को पर्याप्त समय मिलने के कारण सफल दिखाई देता है।

केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय पदाधिकारी विधानसभा-लोकसभा क्षेत्रों पर डालेंगे प्रभाव

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा जारी की गई दूसरी सूची के अंतर्गत जिन केंद्रीय मंत्रियों एवं राष्ट्रीय पदाधिकारियों को मैदान में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उतारा गया है, वे सभी उम्मीदवार अपने विधानसभा क्षेत्र में महत्वपूर्ण पकड़ रखने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर तक सम्मान प्राप्त कर चुके हैं और कार्यकर्ताओं के बीच अच्छे खासे लोकप्रिय व्यक्तित्व के रूप स्थापित हो चुके हैं। कार्यकर्ताओं के बीच आपसी संबंध, समन्वय से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने में सभी पूर्व केंद्रीय मंत्रियों एवं राष्ट्रीय पदाधिकारियों को महारथ हासिल है। ऐसी स्थिति में जो राष्ट्रीय पदाधिकारी अथवा केंद्रीय मंत्री जिस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहा है, उस विधानसभा क्षेत्र में संबंधित उम्मीदवार की मजबूत पकड़ होने के साथ-साथ आसपास की चार से पांच अथवा छह तक विधानसभा को वह प्रभावित करेगा। ऐसी स्थिति में लगभग एक लोकसभा, आने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान ही तैयार हो जाएगी। जिसका सीधा-सीधा असर आने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में दिखाई देने वाला है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की कोई भी सूची अर्थात उम्मीदवार अर्थात प्रत्याशी का चयन सामने नहीं आने की स्थिति में 20 से 30 प्रतिशत का फायदा प्राथमिक स्तर पर ही भारतीय जनता पार्टी को हो चुका है।

अप्रत्याशित उम्मीदवारों ने चौंकाया, केंद्रीय नेतृत्व की रणनीति होगी सफल

भारतीय जनता पार्टी ने जिस राष्ट्रीय स्तर की रणनीति के साथ मध्य प्रदेश में दूसरी प्रत्याशी लिस्ट तैयार की है उसके बारे में शायद संबंधित उम्मीदवारों ने भी नहीं सोचा होगा कि वह उम्मीदवार बन सकते हैं। परंतु चुनावी रणनीति में माहिर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से जुड़े हुए लोगों ने दूसरी सूची जारी कर मध्य प्रदेश में सफलता के साथ विधानसभा चुनाव का बिगुल बजा दिया है। 39 उम्मीदवारों में बीजेपी ने 7 सांसदों, जिनमें तीन केंद्रीय मंत्री और पार्टी के एक राष्ट्रीय महासचिव हैं, को मैदान में उतारा है। इस दूसरी लिस्ट में 7 कद्दावर उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें पार्टी ने राष्ट्रीय राजनीति से सीधे विधानसभा में लड़ने के लिए भेज दिया है। संबंधित सभी उम्मीदवार अपनी-अपनी लोकसभा एवं इससे पूर्व विधानसभा स्तर पर राष्ट्रीय स्तर की छवि बना चुके हैं एवं चुनावी रणनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। कुल मिलाकर अब कांग्रेस पार्टी के समक्ष ऐसी स्थिति हो गई है कि कार्यकर्ताओं से लेकर संभावित प्रत्याशी इस बात का ही इंतजार कर रहे हैं कि कब उनके उम्मीदवार सामने आते हैं। वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी को संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में रणनीति एवं चुनावी सभाओं के लिए पर्याप्त समय मिल चुका है।

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