नितिन दत्ता, तामिया/छिंदवाड़ा। महाकवि कालिदास की रचनाओं पर केन्द्रित जनजातीय लोकशैली पर आधारित चित्रांकन वनजन कला शिविर 18 से से 25 जुलाई तक चलेगा। इसका शुभारंभ मोटल तामिया में हुआ। शिविर में कालीदास संस्कृत अकादमी उज्जैन संस्कृति विभाग उज्जैन की उपनिदेशक डॉ. योगेश्वरी फिरोजिया 2022 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद के हस्ते पद्मश्री सम्मान प्राप्त गोंड़ कला की चित्रकार श्रीमती दुर्गा व्याम, शिखर सम्मान प्राप्त नर्मदाप्रसाद तेकाम, शिखर सम्मान प्राप्त सुश्री अन्देश केरकेट्टा, श्रीमती नंदखुशिया श्याम भोपाल, रोशनी व्याम, ज्योति उईक पाटनगढ़, शजुनेश गमांगों, गुनुपुर, रायगढ़ ओडिसा बिनायो गमांगो, धर्मांगो साबर, जोगी सबर, कोदान्दा सबर ओडिसा के कलाकार शिविर में प्रशिक्षण देंगे। मोटल तामिया छिन्दवाड़ा में संस्कृति विभाग एवं कालिदास संस्कृत अकादमी म.प्र. संस्कृति परिषद, उज्जैन का प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जनपद अध्यक्ष श्रीमती तुलसा ईश्वर परतेती, उपाध्यक्ष सुधीर अहके, जनपद सदस्य पार्वती डेहरिया, शकुंतला मर्सकोले, जगदीश उइके, ग्राम पंचायत तामिया उप सरपंच दुर्गाप्रसाद बल्लू सोनी, ट्राइब्स स्केप एवं पीटीआईसी प्रमुख पवन श्रीवास्तव, पातालकोट की रसोई प्रमुख श्रीमती तुलसा श्रीवास्तव, समाजसेवी संजय धुर्वे, मो. एजाज, आकाश मंडराह की उपस्थिति में हुआ। इस शिविर में देश के लोक चित्रकला के नामी कलाकार प्रशिक्षण देंगे। कालीदास संस्कृत अकादमी उज्जैन संस्कृति विभाग उज्जैन की उपनिदेशक डॉ योगेश्वरी फिरोजिया ने बताया कि कला के माध्यम से संस्कृत का प्रचार प्रसार मुख्य उद्देश्य है। कालिदास संस्कृत अकादमी मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद हमारा यह उपदेश देता है कि कलाओं के माध्यम से जितनी भी कलाएं हैं चित्र, मूर्ति, संगीत, नाट्य इन्हें सभी के और संगीत इन्हें सभी के माध्यम से हम संस्कृत साहित्य का प्रचार प्रसार करते हैं। महाकवि कालिदास की सातो रचनाएं अभिज्ञान शाकुंतलम, मेघदूतम् ऋतु समाहारम रघुवंशम, कुमार संभवम मालविका अग्निमित्रम सभी के माध्यम से चित्रों का सृजन यहां पर किया जाएगा।
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