देर रात डीजे का शोर ले रहा परीक्षा
ज्यादा समय व तेज आवाज में बज रहे डीजे साउंड, पुलिस व प्रशासन का नहीं है ध्यान?
खंडवा। शहर के कुछ नियम मर्जी के हो गए हैं। देर रात तक डीजे और साउंड सिस्टम चलाया जा रहा है। बोर्ड परीक्षाओं का दौर चल रहा है। बारात हो जुलूस निर्धारित डेसिबल मापदंड से दोगुने साउंड सिस्टम के साथ निकाले जा रहे हैं।
स्कूलों के विद्यार्थियों व अस्पताल के सामने से गुजरते हुए मरीजों की स्थिति का ध्यान नहीं रखा जाता। 120 डेसिबल या इससे ज्यादा साउंड सिस्टम हार्ट के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसके बावजूद किसी को फिक्र नहीं है। डीजे के मामले में खंडवा के जुलूस में मर्डर तक हो चुका है। हाल ही में पदमनगर थाना क्षेत्र में डीजे साउंड को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। शादियों में ग्यारह बजे रात के बाद भी डीजे बजाकर हुड़दंग होती रहती है। फिर भी जिला प्रशासन के जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है। खंडवा के पत्रकारों ने भी सोशल मीडिया पर आवाज उठाई थी।
ग्रामीण क्षेत्रों में देर रात तक डीजे और लाउड स्पीकर की आवाज से विद्यार्थी परेशान हैं। परीक्षा शुरू होने पर समय होने के कारण उनकी पढ़ाई में व्यवधान हो रहा है। जिला प्रशासन इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उन्हें अभी शिकायत का इंतजार है। छोटे बच्चों की परीक्षाएं भी जारी है। बच्चों का पूरा ध्यान इस समय पढ़ाई पर है। ऐसे में माहौल शांत रखना अति आवश्यक है। फिर भी लोग परीक्षार्थियों की परेशानियां नहीं देख रहे हैं। लाउड स्पीकर और डीजे ने पालकों व बच्चों को परेशान कर रखा है।
रिहायसी क्षेत्र में मैरिज गार्डन
शहर में अधिकांश मैरिज गार्डन रिहायशी क्षेत्रों में चल रहे हैं। हालत ये है कि गार्डन में डीजे देर रात तक तेज आवाज में बजते हैं। इसके अलावा दिन में भी अन्य कार्यक्रमों में तेज साउंड बजाए जा रहे हैं।
दिल के लिए घातक
नाक कान गले के एमएस डा. मुनीष मिश्रा ने बताया कि तेज आवाज से हार्ट के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकती है। कान में पडऩे वाली तेज ध्वनि से चिड़चिड़ापन भी आता है। ब्लडप्रेशर बढऩे के साथ तनाव होने लगता है। सुनने की क्षमता में कमी आती है। नींद में गड़बड़ी और अन्य हानिकारक प्रभाव शरीर में पैदा होने लगते हैं।