अनोखा तीर, हरदा/बालागांव। जिले में रोजगार सृजन के उद्देश्य से महाराष्ट्र की मीरा क्लींन फ्यूल्स लिमिटेड कंपनी द्वारा बायो सीएनजी एवं जैविक खाद प्लांट लगाने कार्य योजना तैयार की जा रही है। जिसके लिए हरदा तहसील के ग्राम बालागांव में विगत माह किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया था। मृत्युम्जय क्लीन फ्यूल्स लिमिटेड के सदस्यों ने आयोजित कार्यशाला में बताया कि बढ़ते हुए रासायनिक खाद बीज एवं ईधन के दामों से किसान बहुत परेशान है। फसल उत्पादन में खर्च अधिक एवं उत्पादन कम होने की वजह से किसान लगातार कर्ज में डूब रहा हैं। कर्ज चुकाने में असमर्थ होने से किसान आत्महत्या की ओर अग्रसर हो जाता है, जिससे परिवार की आर्थिक एवं मानसिक स्तिथि दयनीय हो जाती है तो कई परिवार बर्बाद हो गए हैं। इसी तरह ग्राम के पढ़े-लिखे युवा भी रोजगार प्राप्त न होने से मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं एवं पुरानी पद्धति से खेती करने पर मजबूर हैं जिससे ग्राम और तहसील का विकास नहीं हो पा रहा है और युवाओं का कीमती समय बर्बाद हो रहा है।
किसानों से खरीदेंगे अनुपयोगी जैव कचरा
जिसको लेकर एमसीएल कंपनी ने किसानों एवं युवाओं की समृद्धि लाने का वादा किया है। मुंबई महाराष्ट्र की कंपनी हरदा तहसील में अपना प्लांट निर्माण करने जा रही है। जहां पर किसानों से कच्चा माल के रूप में जैव कचरा खरीदा जाएगा जो कि किसानों के लिए अनुपयोगी है। जिसे किसान जला देते हैं इसके अलावा किसानों से नेपियर घास की खेती करवा कर उसे खरीदा जाएगा जिससे किसानों की आय में कई गुना वृद्धि होगी।
प्राप्त घास से जैविक इंधन एवं खाद का उत्पादन किया जाएगा। साथ ही सभी ग्रामों को कूड़़े कचरे एवं गंदगी से मुक्ति मिलेगी। यह प्लांट जिले मे एक साल के बाद निर्माण होगा। सभी उपस्थित किसानों ने एमसीएल के साथ कार्य करने का एवं हरदा जिले को समृद्ध बनाने का संकल्प लिया। साथ कम्पनी के सदस्यों ने बताया की इच्छुक युवा अपने ग्राम में एमसीएल के साथ काम करके रोजगार प्राप्त कर सकते है।
गैस से चलेंगे वाहन
इस प्लांट में बायोगैस, रसोई गैस और जैविक खाद बनाई जाएगी। गैस से सभी प्रकार के वाहन चलाए जाएंगे, वहीं खाना पकाने में भी इसका इस्तेमाल होगा। जैविक खाद से जैविक खेती करने मे सहायता मिलेगी। प्लांट के लिए किसानों से नरवाई, पराली, मक्के के टोटे, सोयाबीन का कचरा, खरपतवार, गांव का कचरा, गोबर खरीदा जाएगा। इसके साथ ही किसानों से नेपियर हाथी घास की खेती करवाई जाएगी। इसे बेचकर किसान 1 एकड़ से डेढ़ लाख से दो लाख तक आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
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