– जर्रापुर में संत समागम समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री
अनोखा तीर बुधनी। दुनिया में कई देशों की संस्कृतियां नष्ट हो गई, लेकिन भारत की सनातन संस्कृति प्राचीनकाल से चली आ रही है और हमेशा रहेगी। यह बात मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने बुधनी तहसील के ग्राम जर्रापुर में आयोजित नाथ संप्रदाय के संत समारोह में कहीं। उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी देश भारत की सनातन संस्कृति को समझने की जिज्ञासा रखते है। भारत को जानने के लिए भारत में प्राचीन काल से चली आ रही सनातन संस्कृति को जानना आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राचीन काल से चली आ रही भारत की योग परंपरा को संयुक्त राष्ट्र संघ में स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि नाथ संप्रदाय ने दुनिया को योग का वास्तविक अर्थ समझाया है। आदि गुरु गोरखनाथ के मार्गदर्शन में योग के विश्व में सर्वाधिक प्रसार में नाथ संप्रदाय का प्रमुख योगदान है। प्रत्येक मनुष्य की आत्मा में परमात्मा विराजमान हैं। उन परमात्मा को जानने का सबसे सुगम माध्यम योग है। गुरु गोरखनाथ अपनी योग्यता एवं कुशलता से अपने जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों एवं विपरीत परिस्थितियों को भी अपने अनुकूल बना लेते थे। यह सत्य है कि जिसका जन्म हुए है उसकी मृत्यु निश्चित है, लेकिन मृत्यु से पहले अपने आप को जानने की कला गुरू गोरखनाथ ने दुनिया को सिखाई है। उन्होंने कहा कि हम सभी सौभाग्यशाली है कि हमारे भारत की भूमि पर ऐसे संत हुए है, जिन्होंने इस भूमि को अपनी जनकल्याण की भावना से पावन किया है। जिस प्रकार गंगा अपना अमृत समान जल सभी प्राणियों को निस्वार्थ भाव से उनके कल्याण के लिए उन्हें प्रदान करती है, उसी प्रकार संत अपने जीवन के सभी सुखों को त्याग कर सभी प्राणियों एवं समाज के कल्याण के लिए कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि गुरू गोरखनाथ ने संत श्री भर्तरी के जीवन में आत्म चेतना को जगा कर उनका जीवन बदल दिया था। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि प्रचीनकाल से ही विश्व में अनेकों संस्कृतियां रही हैं, पर समय के साथ अनेकों संस्कृतियां ध्वस्त हो गई पर सनातन संस्कृति अपनी मानव कल्याण की भावना के साथ सदैव आगे बढ़ती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का वर्चस्व पूरी दुनिया में बढ़ रहा है। जब हमारे देश में विदेश से कोई अतिथि आते है तो वह भी हमारे भारत की संस्कृति से बहुत प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि रामायण, महाभारत, श्रीमद्भागवत गीता हमारे भारत की सनातन संस्कृति के पवित्र ग्रंथ है, हमें इनका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना चाहिए। यह ग्रंथ हमारे भारत में प्राचीन काल से प्रचलित सनातन संस्कृति की पहचान है। उन्होंने संतों द्वारा बुधनी में नर्मदा के किनारे घाट के निर्माण कराने की मांग को स्वीकार करते हुए नर्मदा किनारे घाट निर्माण कराने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार साधु संतों की सेवा में निरंतर तत्पर है एवं उनकी आवश्यकतानुसार उज्जैन में भी उनके लिए सरकार द्वारा आश्रम उपलब्ध कराया जाएगा। इस अवसर पर महंत पीर पारसनाथ, योगी पीर बालकनाथ एवं उमेशनाथ ने भी संबोधित किया।
यह थे उपस्थित
इस समारोह में राजस्वमंत्री करण सिंह वर्मा, नर्मदापुरम सांसद दर्शन सिंह चौधरी, सांसद श्रीमती माया नारोलिया, बुधनी विधायक रमाकांत भार्गव, विधायक विजयपाल सिंह, आष्टा विधायक गोपाल सिंह, इंजिनियर नगर पालिका अध्यक्ष सुनीता अर्जुन मालवीय, कलेक्टर प्रवीण, एसपी दीपक कुमार शुक्ला, योगी पीर शेरनाथ, योगी पीर लहरनाथ, योगीपीर राजनाथ, योगी पीर पूर्णनाथ, योगी पीर शेरनाथ, योगीपीर हरिनथ, योगी प्रयागनाथ, योगी कृष्णनाथ, मंहत नरहरिनाथ, केशवनाथ, सुंदराईनाथ, योगी समुंदरनाथ, पंचमनाथ, रूपनाथ, सूरजनाथ सहित देश भर से आए नाथ संप्रदाय के साधु संत शामिल हुए।
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