झिरन्या जनपद – बाबू कर रहा सीएम हेल्पलाइन शिकायतों में लीपापोती

जन समस्याओं के निवारण के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने सीएम हेल्पलाइन सेवा आरंभ की थी लेकिन यह भी कारगर साबित नहीं हो रही है क्योंकि सीएम हेल्पलाइन में शिकायत होते ही संबंधित विभाग लीपापोती में लग जाता हैं फिर शुरू होता है शिकायतकर्ता पर दबाव बनाने का सिलसिला बार-बार शिकायतकर्ता को फोन पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया जाता है समस्या का निराकरण न होने के बावजूद शिकायतकर्ता को यह कह कर गुमराह किया जाता है कि आपकी शिकायत का निराकरण कर दिया गया है इतना ही नहीं सीएम हेल्पलाइन को भी यही बात बताकर गुमराह किया जा रहा है ।

मनीष मडाहर, खरगोन जनपद पंचायत झिरनिया एक बार फिर सुर्खियों में है वैसे तो जनपद पंचायत झिरन्या के अंतर्गत अधिकांश ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के साथ-साथ मूलभूत एवं अन्य मद की योजना में भारी अनियमिता की शिकायत आम हो चुकी है जनपद में पदस्थ बाबू संजय निहाले जो जनपद में होने वाली सीएम हेल्पलाइन शिकायतों का काम देखते है इनकी मनमानी ओर गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। खरगोंन के इलेक्ट्रॉनिक टीवी चैनल के रिपोर्टर की एक शिकायत की लीपापोती का मामला सामने आया है। शिकायत का निराकरण: आंशिक बंद : सब इंजीनियर के प्रतिवेदन अनुसार ग्राम पंचायत में वर्ष 2017-18 में पंचायत भवन राज्य वित्त आयोग एवं मनरेगा अभी शरण से राशि 1448000 का स्वीकृत हुआ था जिसमें मनरेगा की राशि 5 लाख 68800 थी तथा शेष राशि राज्य वित्त आयोग के मद उक्त कार्य 2019 में पूर्ण होकर पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है वर्तमान में ग्राम पंचायत कार्यालय का संचालन में ही हो रहा है शिकायतकर्ता मूल रूप से खरगोन ब्लॉक का रहने वाला है शिकायतकर्ता खरगोन जिले की समस्त ग्राम पंचायत में झूठी शिकायत कर ग्राम पंचायत सचिव सरपंच से धमकाकर अवैध वसूली इनके द्वारा की जाती है शिकायतकर्ता181 सी एम हेल्प लाइन पर समस्त ग्राम पंचायत की झूठी शिक्यत करते आदतन शिकायत कर्ता है अत: उक्त शिकायत को विलोपित करना उचित होगा।बाबू के द्वारा ऐसा प्रतिवेदन डालना इनकी ओछी मानसिकता को दर्शा रहा है । जबकि शिकायतकर्ता खरगोंन के इलेक्ट्रॉनिक टीवी चैनल का रिपोर्टर है। शिकायतकर्ता मूलतः खरगोंन जिले का निवासी है और झिरन्या ब्लाक खरगोंन जिले का हिस्सा है बिना जानकारी के शिकायतकर्ता पर झूठे आरोप लगाना कहा तक उचित है। बाबू को चाहिए था जो इंजीनियर ने जांच प्रतिवेदन दिया था उसकी शिकायतकर्ता से पुष्टि करना था कि क्या आप हमारी जांच से संतुष्ट है या नही अगर नही है और आपके पास शिकायत से सम्बंधित दस्तावेज है तो आप कार्यालय में पेश करे ताकि विधिवत जांच हो सके। इससे पहले भी कई बार निहाले ने कई शिकायतकर्ता सेअभद्र व्यवहार किया है और फोन पर कई बार धमकाया हैं कि शिकायत बन्द कर दो नही तो में शिकायत फोर्सक्लोज़ कर दूंगा।सैकड़ों सीएम हेल्पलाइन शिकायतों को फोर्सक्लोज़ भी किया है जिसकी जांच होना चाहियें।

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