विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की मांग, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र



अनोखा तीर, हरदा। विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक आवकाश किए जाने की मांग बढ़ती ही जा रही है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जन जाति विकास परिषद नई दिल्ली, मध्य प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश मसकोले ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर मांग की है कि 9 अगस्त को संपूर्ण मध्य प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 9 अगस्त, 1993 से आदिवासी समाज को हर्षोल्लास का अवसर प्रदान करते हुए विश्व आदिवासी दिवस के रूप में स्वीकृत किया गया है। मध्यप्रदेश देश का सर्वाधिक आदिवासी जनसंख्या वाला राज्य है, जिसमें अलग-अलग आदिवासी समुदाय अपनी विशेष संस्कृति, अनूठी परंपराओं एवं रीति-रिवाजों के लिए अपनी एक अलग संवैधानिक पहचान रखते हैं। मध्यप्रदेश में सभी वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में धार्मिक त्यौहार एवं महापुरुषों की जयन्ती दिवस मनाने के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किए गए हैं, लेकिन आदिवासी वर्ग के लिए जनसंख्या के अनुपात में धार्मिक त्योहार एवं महापुरूषों की जयन्ती  दिवस मनाए जाने हेतु सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं किए गए हैं। ज्ञात हो कि आदिवासी समाज के कई व्यक्ति शासकीय सेवा में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हंै, जिसे दृष्टिगत रखते हुए विश्व आदिवासी दिवस को मध्य प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के आदेश जारी किया जाए। जिससे आदिवासी शासकीय सेवक भी समाज के साथ सम्मिलित होकर उक्त दिवस को त्यौहार के रूप में बड़े उत्साह और उमंग के साथ मना सकें। सार्वजनिक आवकाश घोषित होने से अन्य समाज के शासकीय सेवक व आमजन भी प्रदेशभर में आयोजित हो रहे विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर हमारी आदिकाल से चली आ रही संस्कृति, परंपराओं को जान सकेंगे।

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