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ताजा मामला सागर जिले के मूड़रा जरुआखेड़ा पंचायत का है। यहां पंचायत चुनाव में 20 में से 10 पद पर महिला पंच निर्वाचित हुई हैं। हाल ही में जब नई ग्राम सरकार के प्रतिनिधियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई तो इसमें कोई भी महिला पंच शपथ लेने नहीं पहुंची बल्कि सभी 10 महिलाओं के परिजनों ने शपथ ले ली। वहीं, पंचायत सचिव राजाराम चढ़ार, सहायक सचिव जयकुमार सोनी ने परिजनों को समझाने की जगह शपथ दिला दी और पूछने पर बड़ा ही बेतुका जवाब दिया।
ग्राम पंचायत सचिव ने अपनी सफाई में कहा कि यह पहला सम्मेलन था। इसमें कोई परेशानी ना हो इसलिए महिला पंचों के प्रतिनिधियों को शपथ दिलाई गई है। वहीं, सचिव ने ये स्वीकार भी किया कि हमें निर्देश नहीं हैं। ना ही संविधान में निर्वाचित सदस्य के अलावा किसी अन्य को उसकी जगह शपथ लेने का अधिकार है। ये मामला सामने आने के बाद अब देखना होगा कि जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई होती है।
विस्तार
मध्यप्रदेश सरकार ने नारी सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठाते हुए पंचायत चुनाव महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया था। जिसका परिणाम ये रहा है कि इस बार कई जिलों में सरपंच और पंच के पदों पर महिलाएं चुनकर आई, लेकिन महिलाओं के चुनाव जीतने के बाद उनके नामांकन के दौरान वे नदारद रहीं और उनके परिजन नामांकन जमा कराते नजर आए। इतना न ही नहीं पद और गोपनीयता की शपथ भी महिलाओं की जगह पुरुषों ने ही ले ली।
ताजा मामला सागर जिले के मूड़रा जरुआखेड़ा पंचायत का है। यहां पंचायत चुनाव में 20 में से 10 पद पर महिला पंच निर्वाचित हुई हैं। हाल ही में जब नई ग्राम सरकार के प्रतिनिधियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई तो इसमें कोई भी महिला पंच शपथ लेने नहीं पहुंची बल्कि सभी 10 महिलाओं के परिजनों ने शपथ ले ली। वहीं, पंचायत सचिव राजाराम चढ़ार, सहायक सचिव जयकुमार सोनी ने परिजनों को समझाने की जगह शपथ दिला दी और पूछने पर बड़ा ही बेतुका जवाब दिया।
ग्राम पंचायत सचिव ने अपनी सफाई में कहा कि यह पहला सम्मेलन था। इसमें कोई परेशानी ना हो इसलिए महिला पंचों के प्रतिनिधियों को शपथ दिलाई गई है। वहीं, सचिव ने ये स्वीकार भी किया कि हमें निर्देश नहीं हैं। ना ही संविधान में निर्वाचित सदस्य के अलावा किसी अन्य को उसकी जगह शपथ लेने का अधिकार है। ये मामला सामने आने के बाद अब देखना होगा कि जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई होती है।
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