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सरकार इसे अगस्त से ही लागू कर सकती है। इसके लागू होने से प्रदेश के करीब साढ़े तीन लाख अधिकारी-कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। दरअसल सरकार 2023 विधानसभा चुनाव से पहले अधिकारी-कर्मचारियों की नाराजगी को दूर करना चाहती है। बता दें मध्य प्रदेश में 6 साल से पदोन्नति पर रोक है। दरअसल मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को पदोन्नति से जुड़े मध्य प्रदेश लोक सेवा नियम-2002 को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस बीच 70 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी रिटायर्ड हो गए। सरकार की याचिका पर 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है।
ये होंगे नए नियम
नए नियमों के अनुसार पदोन्नति मेरिट- कम सीनियरिटी के आधार पर होगी। यह नियम अभी क्लास-1 से सुपर क्लास-1 अधिकारियों के प्रमोशन में लागू है। सरकार की तरफ से तैयार ड्राफ्ट के अनुसार सबसे पहले आरक्षित पद भरे जाएंगे। सामान्य प्रशासन विभाग सबसे पहले पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों की गणना करेगा। विभाग के अनुसार एसटी और फिर एससी के पद भर जाएंगे। इसके बाद अनारक्षित वर्ग के अधिकारी को पदोन्नत किया जाएगा। यदि आरक्षित वर्ग के पद पहले से भरे हुए हैं तो सभी रिक्त पदों के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की सीनियरिटी के अनुसार संयुक्त सूची बनाकर पदोन्नति दी जाएगी। लेकिन यदि किसी चयन वर्ष में आरक्षित वर्ग के पर्याप्त प्रतिनिधित्व के लिए आवश्यक संख्या में अधिकारी-कर्मचारी नहीं मिलते हैं तो उतने पद खाली रखे जाएंगे। जब तक कि आरक्षित वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी नहीं मिल जाते।
इनका नहीं होगा प्रमोशन
नियमों के अनुसार ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जो किसी कारण से निलंबित हैं, उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है, आपराधिक आरोप दर्ज हैं और कोर्ट में चालान पेश हो चुके हैं तो उनको प्रमोशन नहीं मिल सकेगा। नए नियम सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने तक लागू रहेंगे।
नए नियमों के अनुसार सीआर के अंक प्रमोशन के लिए तय किए गए हैं। प्रथम श्रेणी में प्रमोशन के लिए 15 अंक, सेकंड क्लास से प्रमोशन के लिए 14 अंक, सेकंड क्लास से हाई पे-स्केल में प्रमोशन के लिए 13 अंक, थर्ड क्लास से प्रमोशन के लिए 12 अंक, थर्ड क्लास प्रमोशन के लिए 12 अंक, फोर्थ के प्रमोशन के लिए 10 अंक।
अधिकारी-कर्मचारी के 5 साल के गोपनीय प्रतिवदेन यानी सीआर के ग्रेडिंग नंबर से जोड़ा जाएगा। इसमें क+ ग्रेड के लिए 4 अंक, क ग्रेड के लिए 3 अंक, गुड ख ग्रेड के लिए 2 अंक, ग ग्रेड के लिए 1 अंक और घ ग्रेड के लिए 0 नंबर दिए जाएंगे। अधिकारी-कर्मचारी के अंक के साथ ग्रेडिंग एक्सीलेंट, वेरीगुड, गुड, एवरेज और पुअर ग्रेड भी काउंट की जाएगी।
विस्तार
मध्य प्रदेश में करीब एक साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके पहले सरकार 6 साल बाद अधिकारी-कर्मचारियों को बड़ी सौगात देने वाली है। सरकार अधिकारी और कर्मचारियो को प्रमोशन देने जा रही है। इसके लिए नए नियम बनाए गए हैं। इसका ड्राफ्ट विधि विभाग को भेजा गया है। जिसके बाद कैबिनेट की अगली बैठक में प्रस्ताव को रखकर स्वीकृत करने की तैयारी है।
सरकार इसे अगस्त से ही लागू कर सकती है। इसके लागू होने से प्रदेश के करीब साढ़े तीन लाख अधिकारी-कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। दरअसल सरकार 2023 विधानसभा चुनाव से पहले अधिकारी-कर्मचारियों की नाराजगी को दूर करना चाहती है। बता दें मध्य प्रदेश में 6 साल से पदोन्नति पर रोक है। दरअसल मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को पदोन्नति से जुड़े मध्य प्रदेश लोक सेवा नियम-2002 को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस बीच 70 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी रिटायर्ड हो गए। सरकार की याचिका पर 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है।
ये होंगे नए नियम
नए नियमों के अनुसार पदोन्नति मेरिट- कम सीनियरिटी के आधार पर होगी। यह नियम अभी क्लास-1 से सुपर क्लास-1 अधिकारियों के प्रमोशन में लागू है। सरकार की तरफ से तैयार ड्राफ्ट के अनुसार सबसे पहले आरक्षित पद भरे जाएंगे। सामान्य प्रशासन विभाग सबसे पहले पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों की गणना करेगा। विभाग के अनुसार एसटी और फिर एससी के पद भर जाएंगे। इसके बाद अनारक्षित वर्ग के अधिकारी को पदोन्नत किया जाएगा। यदि आरक्षित वर्ग के पद पहले से भरे हुए हैं तो सभी रिक्त पदों के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की सीनियरिटी के अनुसार संयुक्त सूची बनाकर पदोन्नति दी जाएगी। लेकिन यदि किसी चयन वर्ष में आरक्षित वर्ग के पर्याप्त प्रतिनिधित्व के लिए आवश्यक संख्या में अधिकारी-कर्मचारी नहीं मिलते हैं तो उतने पद खाली रखे जाएंगे। जब तक कि आरक्षित वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी नहीं मिल जाते।
इनका नहीं होगा प्रमोशन
नियमों के अनुसार ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जो किसी कारण से निलंबित हैं, उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है, आपराधिक आरोप दर्ज हैं और कोर्ट में चालान पेश हो चुके हैं तो उनको प्रमोशन नहीं मिल सकेगा। नए नियम सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने तक लागू रहेंगे।
नए नियमों के अनुसार सीआर के अंक प्रमोशन के लिए तय किए गए हैं। प्रथम श्रेणी में प्रमोशन के लिए 15 अंक, सेकंड क्लास से प्रमोशन के लिए 14 अंक, सेकंड क्लास से हाई पे-स्केल में प्रमोशन के लिए 13 अंक, थर्ड क्लास से प्रमोशन के लिए 12 अंक, थर्ड क्लास प्रमोशन के लिए 12 अंक, फोर्थ के प्रमोशन के लिए 10 अंक।
अधिकारी-कर्मचारी के 5 साल के गोपनीय प्रतिवदेन यानी सीआर के ग्रेडिंग नंबर से जोड़ा जाएगा। इसमें क+ ग्रेड के लिए 4 अंक, क ग्रेड के लिए 3 अंक, गुड ख ग्रेड के लिए 2 अंक, ग ग्रेड के लिए 1 अंक और घ ग्रेड के लिए 0 नंबर दिए जाएंगे। अधिकारी-कर्मचारी के अंक के साथ ग्रेडिंग एक्सीलेंट, वेरीगुड, गुड, एवरेज और पुअर ग्रेड भी काउंट की जाएगी।
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