अब लघु वनोपज संघ महुआ और शहद का कारोबार बढ़ाएगा

गणेश पांडे भोपाल. लघु वनोपज संघ को तेंदूपत्ता कारोबारी की छवि से बाहर निकालने की कवायद तेज हो गई है. इसके लिए संघ के एमडी ने महुआ से बने उत्पाद और जंगलों से संग्रहित शहद का कारोबार बढ़ाने का ब्लू प्रिंट तैयार किया है. तेंदूपत्ता की तर्ज पर इस कारोबार से प्राप्त लाभांश राशि का शत-प्रतिशत संग्रहण कर्ताओं में वितरित किया जाएगा. इस कारोबार से 60 लाख से अधिक ग्रामीणों को लाभ होगा. राज्य सरकार अब तेंदूपत्ता के साथ-साथ शहद और महुआ के कारोबार से प्राप्त लाभांश की राशि संग्रहण कर्ताओं में वितरित की जाएगी. यानी अब संघ से जुड़े संग्रहण कर्ताओं की बल्ले-बल्ले होगी.

 संघ के प्रबंध संचालक पुष्कर सिंह के अनुसार इस वर्ष 35 जिलों में 30 हजार क्विंटल महुआ संग्रहित किया गया है. यह महुआ ग्रामीणों से ₹35 किलो के समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है. इनमें से 20000 क्विंटल कोल्ड स्टोरेज में जमा की गई है. मार्केट में अच्छे दाम मिलने पर उसकी बिक्री की जाएगी. प्रबंध संचालक के अनुसार महुआ खरीदी पर ₹12 करोड़ खर्च हुए हैं. इसके व्यापार से 17-18 करोड़ रूपया राजस्व मिलने की संभावना है. लाभांश राशि का शत-प्रतिशत हिस्सा संग्रहण कर्ताओं में वितरित किया जाएगा. महुआ से कुकीज बिस्किट और लड्डू बनाकर वंदन केंद्र के जरिए विक्रय किया जा रहा है. इसके अलावा सरकारी डिस्टलरी को भी बेचा जाएगा. यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि वाणिज्य कर विभाग अलीराजपुर डिंडोरी और खंडवा में डिस्टलरी लगाने जा रही है.

 *24 टन शहद एकत्रित करने का लक्ष्य*

इस बार लघु वनोपज संघ ने 24 टन शहद एकत्रित करने का लक्ष्य रखा है. अभी तक अधिकतम 12 टन से शहद एकत्रित किया जा रहा है. संघ हर साल शहद की ₹1करोड़ की बिक्री करता है. अधिकृत जानकारी के अनुसार शहद के कारोबार में मार्जिन अच्छी है. संघ ग्रामीणों से ₹275 किलोग्राम की दर से शहद खरीदता हैं. प्रोसेसिंग करने के बाद ₹600 प्रति किलो ग्राम की दर से बिक्रय करता है. शहद कारोबार से प्राप्त लाभांश का शत प्रतिशत राशि संग्रहण कर्ताओं के बीच वितरित किया जायेगा.

Views Today: 2

Total Views: 196

Leave a Reply

लेटेस्ट न्यूज़

MP Info लेटेस्ट न्यूज़

error: Content is protected !!