ताइपे. अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) मंगलवार की रात ताइवान (Taiwan) पहुंचीं। जिससे बाद बौखलाए चीन ने ताइवान अपनी सेना को तैयार रहने को कहा है। चीन की हवाई और जमीनी सेना जलडमरुमध्य की ओर बढ़ रही है। 20 से अधिक चीनी सैन्य विमानों ने ताइवान के एयरस्पेस में उड़ान भरी है। बता दें कि ताइवान जलडमरूमध्य चीन की मुख्य भूमि को ताइवान से अलग करता है।
चीन के सरकारी मीडिया ‘चाइना डेली’ ने खबर दी कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की वायु सेना के 20 से अधिक सुखोई-35 लड़ाकू विमान ताइवान जलमरुमध्य को पार कर रहे हैं। उधर ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने ट्विटर पर एक बयान जारी कर कहा कि, “21 PLA विमानों ने 2 अगस्त, 2022 को ताइवान के दक्षिण-पश्चिम ADIZ में प्रवेश किया।
गौरतलब है कि नैंसी पेलोसी 25 साल में स्वशासित द्वीप का दौरा करने वाली अमेरिका की सर्वोच्च अधिकारी बन गई हैं। पेलोसी की यात्रा से चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है। चीन दावा करता रहा है कि ताइवान उसका हिस्सा है। वह विदेशी अधिकारियों के ताइवान दौरे का विरोध करता है क्योंकि उसे लगता है कि यह द्वीपीय क्षेत्र को संप्रभु के रूप में मान्यता देने के समान है। चीन ने धमकी दी थी कि यदि पेलोसी ताइवान की यात्रा करती हैं तो इसके “गंभीर परिणाम” भुगतने होंगे।
अमेरिकी वायुसेना के विमान से पहुंचीं पेलोसी और उनके प्रतिनिधिमंडल का ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने ताइपे हवाई अड्डे पर स्वागत किया। पेलोसी के बुधवार को ताइवानी राष्ट्रपति त्सी-इंग-वेन से मिलने की उम्मीद है। उनके ताइवान पहुंचने के थोड़ी देर बाद चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि चीनी सेना ताइवान के आपसपास के जलक्षेत्र में बृहस्पतिवार से रविवार तक सैन्य अभ्यास करेगी।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि “ताइवान मुद्दे पर वाशिंगटन का विश्वासघात उसकी राष्ट्रीय विश्वसनीयता को नष्ट कर रहा है।” उन्होंने एक बयान में कहा, “कुछ अमेरिकी आग से खेल रहे हैं। निश्चित रूप से इसका अच्छा नतीजा नहीं होगा…अमेरिका के डराने-धमकाने वाले चेहरे ने इसे फिर से दुनिया की शांति के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में दिखाया है।”
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इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मंगलवार को बीजिंग में संवाददाताओं से कहा, “अमेरिका और ताइवान ने उकसावे के लिए मिलीभगत की है, और चीन को आत्मरक्षा में कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।” पेलोसी के ताइवान पहुंचने के कुछ देर बाद, चीनी विधायिका की स्थायी समिति के एक प्रतिनिधि ने एक बयान जारी कर कहा कि इस यात्रा ने “एक चीन के सिद्धांत” का “गंभीर उल्लंघन” किया है।
उनके ताइवान पहुंचने से कुछ समय पहले, चीन के सरकारी मीडिया ने कहा कि चीनी एसयू-35 लड़ाकू जेट ताइवान जलडमरूमध्य को “पार” कर रहे हैं। यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि ये विमान कहाँ जा रहे थे या उन्होंने क्या करने की योजना बनाई थी। इस बीच, कुछ हैकर्स ने ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय की वेबसाइट पर एक साइबर हमला किया, जिससे यह मंगलवार शाम अस्थायी रूप से अनुपलब्ध हो गई। राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि हमले के तुरंत बाद वेबसाइट को बहाल कर दिया गया।
चीन की धमकी ने 100-मील (140-किलोमीटर)-चौड़े ताइवान जलडमरूमध्य में एक नए संकट से संबंधित चिंताओं को जन्म दिया है जिससे वैश्विक बाजार और आपूर्ति श्रृंखलाएं प्रभावित हो सकती हैं। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने रेखांकित किया कि ताइवान की यात्रा करने का निर्णय अंततः पेलोसी का था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सदस्यों ने वर्षों से नियमित रूप से द्वीप का दौरा किया है। पेलोसी इस सप्ताह के अंत में जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा भी करेंगी। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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