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मौसम केंद्र की रिपोर्ट बता रही है कि बीते 24 घंटों में शहडोल, रीवा, जबलपुर, चंबल संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर तथा सागर, नर्मदापुरम, भोपाल, इंदौर, उज्जैन एवं ग्वालियर संभाग के जिलों में अनेक स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई। घनसौर में 9, रामनगर में 7, बीजाडांडी, सतना, शाहनगर, धनौरा, निवास में 6, पाली, नैनपुर, सिरमौर, सेगांव में 5, कुंडम, लखनादौन, लालबर्रा, नारायणगंज, कुरई, राजनगर, चदिया, मंडला, मोहगांव, केवलारी, शाहपुरी, बिरसिंहपुर में 4 सेंटीमीटर तक पानी गिरा है।
अगले 24 घंटे के लिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान बता रहा है कि रीवा, शहडोल, सागर, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, भोपाल, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर वर्षा या गरज-चमक के साथ बौछारें गिर सकती हैं। मौसम विभाग का यलो अलर्ट कहता है कि मंडला, बालाघाट, सिवनी, दमोह, सागर, सीहोर, देवास जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है। यहां तीन से छह इंच तक बारिश हो सकती है। वहीं रीवा, शहडोल, नर्मदापुरम, भोपाल, चंबल संभागों के जिलों में तथा देवास, शाजापुर, आगर, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर जिलों में कहीं-कहीं बिजली गिरने की भी आशंका है।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो मध्य प्रदेश के मौसम को तीन वेदर सिस्टम प्रभावित कर रहे हैं। फिलहाल पूर्वी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात 3.1 किमी की ऊंचार्इ पर बना एक्टिव है। इस चक्रवात से लेकर उत्तरी मध्यप्रदेश, दक्षिणी छत्तीसगढ़ एवं आंध्र प्रदेश से होकर बंगाल की खाड़ी तक एक ट्रफ एक्टिव है। मानसून ट्रफ बीकानेर, अजमेर, शिवपुरी, सीधी, अंबिका, बालासोर से हाकर बंगाल की खाड़ी तक बना सक्रिय है। इन तीन सिस्टम के कारण मिल रही नमी के कारण जबलपुर, शहडोल संभागों के जिलों में कहीं–कहीं वर्षा हो रही है। हालांकि मानसून ट्रफ के बुधवार शाम को उत्तर भारत की तरफ खिसकने की संभावना है। इस वजह से मप्र में वर्षा की गतिविधिों में कमी आने लगेगी।
विस्तार
मध्य प्रदेश में मानसूनी गतिविधियां जारी हैं। बारिश में थोड़ी कमी आने के बाद तापमान में बढ़ोतरी हुई है। अधिकतम तापमान 33 डिग्री के ऊपर पहुंच गया है। प्रदेश में सबसे ठंडा खरगोन है। सतना में 59.4 मिमी बारिश हुई है। मौसम विभाग का यलो अलर्ट कहता है कि मंडला, बालाघाट, सिवनी, दमोह, सागर, सीहोर, देवास जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है।
मौसम केंद्र की रिपोर्ट बता रही है कि बीते 24 घंटों में शहडोल, रीवा, जबलपुर, चंबल संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर तथा सागर, नर्मदापुरम, भोपाल, इंदौर, उज्जैन एवं ग्वालियर संभाग के जिलों में अनेक स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई। घनसौर में 9, रामनगर में 7, बीजाडांडी, सतना, शाहनगर, धनौरा, निवास में 6, पाली, नैनपुर, सिरमौर, सेगांव में 5, कुंडम, लखनादौन, लालबर्रा, नारायणगंज, कुरई, राजनगर, चदिया, मंडला, मोहगांव, केवलारी, शाहपुरी, बिरसिंहपुर में 4 सेंटीमीटर तक पानी गिरा है।
अगले 24 घंटे के लिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान बता रहा है कि रीवा, शहडोल, सागर, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, भोपाल, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर वर्षा या गरज-चमक के साथ बौछारें गिर सकती हैं। मौसम विभाग का यलो अलर्ट कहता है कि मंडला, बालाघाट, सिवनी, दमोह, सागर, सीहोर, देवास जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है। यहां तीन से छह इंच तक बारिश हो सकती है। वहीं रीवा, शहडोल, नर्मदापुरम, भोपाल, चंबल संभागों के जिलों में तथा देवास, शाजापुर, आगर, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर जिलों में कहीं-कहीं बिजली गिरने की भी आशंका है।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो मध्य प्रदेश के मौसम को तीन वेदर सिस्टम प्रभावित कर रहे हैं। फिलहाल पूर्वी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात 3.1 किमी की ऊंचार्इ पर बना एक्टिव है। इस चक्रवात से लेकर उत्तरी मध्यप्रदेश, दक्षिणी छत्तीसगढ़ एवं आंध्र प्रदेश से होकर बंगाल की खाड़ी तक एक ट्रफ एक्टिव है। मानसून ट्रफ बीकानेर, अजमेर, शिवपुरी, सीधी, अंबिका, बालासोर से हाकर बंगाल की खाड़ी तक बना सक्रिय है। इन तीन सिस्टम के कारण मिल रही नमी के कारण जबलपुर, शहडोल संभागों के जिलों में कहीं–कहीं वर्षा हो रही है। हालांकि मानसून ट्रफ के बुधवार शाम को उत्तर भारत की तरफ खिसकने की संभावना है। इस वजह से मप्र में वर्षा की गतिविधिों में कमी आने लगेगी।
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