In Chhindwara, Sarpamitra Saved 3700 Snakes By Betting On His Life, Caught Maximum Cobra – Chhindwara: कोबरा और धामन जैसे 3700 सांपों को बनाया दोस्त, जान की बाजी लगाकर नागराज को दिया जीवनदान

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सांप एक जहरीला जीव है, यही वजह है कि अधिकतर लोग उसे देखते ही डर जाते हैं और उसे मार देते हैं, लेकिन सांप की हर प्रजाति जहरीली नहीं होती। सांप आत्मरक्षा के लिए काटते जरूर हैं, लेकिन हर बार सांप के काटने से व्यक्ति की मौत नहीं होती। यदि आपके घर में सांप घुसे तो उसे मारने की जगह बाहर निकलने का रास्ता दें और खुली जगह में छोड़ दें। सांप हमारे पर्यावरण संतुलन के लिए बेहद जरूरी हैं। सर्पमित्र सांपों की अहमियत को समझते हैं यहीं वजह है कि वे सांप को मारने की जगह उसे जीवनदान देते हैं। आइए आपको एक ऐसे सर्पमित्र से मिलवाते हैं जिसने अब तक करीब 3700 सांपों को बचाया है।

छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना में रहने वाले सर्पमित्र अमित संभारे अपनी जान की परवाह किए बिना सिर्फ एक लोहे की छड़ से सांपों का रेस्क्यू करते हैं। सांप को पकड़ने के बाद वे उन्हें जंगल में छोड़ आते हैं। अमित बीते चार साल में कोबरा समेत अन्य प्रजातियों को सांपों को मिलाकर करीब 3700 सांपों का रेस्क्यू कर उन्हें नया जीवन दे चुके हैं। अमित ने बताया कि पांढुर्ना के इलाकों से वे कोबरा और धामन प्रजाति के कई सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं। सांप चाहे घर के अंदर हो या कुंए के वे उसे सुरक्षित तरीके से पकड़ते हैं और बाद में जंगल में छोड़ देते हैं।

अमित का कहना है कि वे बचपन से ही सांपों की रक्षा करने के लिए प्रयासकर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब वे छोटे से तो आसपड़ोस में सांप निकलने पर लोग उसे मार देते थे, वे उस दौरान भी लोगों से सांप को न मारने की अपील लोगों से करते थे, लेकिन लोग उनकी बात को अनसुना कर सांप को मार डालते थे। इन्हीं घटनाओं से प्रेरित होकर अमित ने सांपों का रेस्क्यू करने और सर्पमित्र बनने का सोचा।

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सांप एक जहरीला जीव है, यही वजह है कि अधिकतर लोग उसे देखते ही डर जाते हैं और उसे मार देते हैं, लेकिन सांप की हर प्रजाति जहरीली नहीं होती। सांप आत्मरक्षा के लिए काटते जरूर हैं, लेकिन हर बार सांप के काटने से व्यक्ति की मौत नहीं होती। यदि आपके घर में सांप घुसे तो उसे मारने की जगह बाहर निकलने का रास्ता दें और खुली जगह में छोड़ दें। सांप हमारे पर्यावरण संतुलन के लिए बेहद जरूरी हैं। सर्पमित्र सांपों की अहमियत को समझते हैं यहीं वजह है कि वे सांप को मारने की जगह उसे जीवनदान देते हैं। आइए आपको एक ऐसे सर्पमित्र से मिलवाते हैं जिसने अब तक करीब 3700 सांपों को बचाया है।

छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना में रहने वाले सर्पमित्र अमित संभारे अपनी जान की परवाह किए बिना सिर्फ एक लोहे की छड़ से सांपों का रेस्क्यू करते हैं। सांप को पकड़ने के बाद वे उन्हें जंगल में छोड़ आते हैं। अमित बीते चार साल में कोबरा समेत अन्य प्रजातियों को सांपों को मिलाकर करीब 3700 सांपों का रेस्क्यू कर उन्हें नया जीवन दे चुके हैं। अमित ने बताया कि पांढुर्ना के इलाकों से वे कोबरा और धामन प्रजाति के कई सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं। सांप चाहे घर के अंदर हो या कुंए के वे उसे सुरक्षित तरीके से पकड़ते हैं और बाद में जंगल में छोड़ देते हैं।

अमित का कहना है कि वे बचपन से ही सांपों की रक्षा करने के लिए प्रयासकर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब वे छोटे से तो आसपड़ोस में सांप निकलने पर लोग उसे मार देते थे, वे उस दौरान भी लोगों से सांप को न मारने की अपील लोगों से करते थे, लेकिन लोग उनकी बात को अनसुना कर सांप को मार डालते थे। इन्हीं घटनाओं से प्रेरित होकर अमित ने सांपों का रेस्क्यू करने और सर्पमित्र बनने का सोचा।

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