There Was No Safety Equipment And Emergency Door In The Hospital, Delay In Evacuating People From One Gate – Jabalpur Fire: एक गेट था इसलिए नहीं बचा सके लोगों को, एक महीने में रिपोर्ट देगी जांच समिति

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मध्यप्रदेश के जबलपुर में चंडाल भाटा क्षेत्र में न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में आग लगने के कारण आठ व्यक्तियों की मौत हो गई। इनमें तीन मरीज सहित एक पुरुष तथा दो महिला स्टाफ थी। इसके अलावा दो व्यक्ति एक मरीज को देखने आए थे। अस्पताल में भर्ती तीन मरीजों को आज सुबह ही डिस्चार्ज किया गया था। हादसे के पीछे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। सुरक्षा उपकरण और आपातकालीन गेट नहीं होने की बात सामने आ रही है। जांच के लिए समिति बनाई गई है, जो एक महीने में रिपोर्ट देगी। 

पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के अनुसार अस्पताल के बाहर रखे जनरेटर में स्पार्किंग होने के कारण अग्निहादसा हुआ था। आग लगने के कारण अस्पताल में नीचे तल में चल रही ओपीडी के व्यक्ति बाहर आ गए थे। पहले तल में स्थित आईसीसीयू वार्ड के व्यक्ति निकल पाते इसके पहले ही आग ने विकरात रूप धारण कर लिया था। सूचना मिलने पर दमकल व पुलिस अमला घटना स्थल में पहुंच गया था। उन्होंने आईसीसीयू से 13 व्यक्तियों को बाहर निकाला। जिसमें से कई आग से झुलस गए थे और कई धुएं के कारण सांस नहीं लेने के कारण बेहोश हो गए थे। जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया था। जिसमें से आठ लोगों की मौत हो गई तथा दो व्यक्ति की हालत गंभीर है। तीन व्यक्तियों की हालत खतरे से बाहर है।

आपातकालीन दरवाजा न होने से हुई मौतें 
कलेक्टर इलैयाराजा टी ने बताया कि घटना की जांच के लिए कमेटी गठित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। अस्पताल में सुरक्षा उपकरण तथा आपातकालीन निकासी दरवाजा नहीं होने पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में कमेटी जांच करेगी और नियम के उल्लंघन में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल में आने-जाने के लिए आठ फीट का एक ही दरवाजा था। इसके अलावा अस्पताल में किसी प्रकार को काई आपातकालीन दरवाजा नहीं था। जिसके कारण अस्पताल में फंसे व्यक्तियों को सुरक्षित नहीं निकाला जा सका।

विधायक ने दी थी नगर निगम को जानकारी 
मध्य उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनय सक्सेना ने घटना की जानकारी मिलने पर दोपहर 2.40 बजे नगर निगम को फोन किया। उन्होंने दमकल कर्मियों के निर्देशित किया था कि पहली मंजिल में लोग फंसे हुए हैं। दमकल कर्मियों ने सीढ़ी की मदद से तीन व्यक्तियों को बाहर निकाला। दमकल कर्मियों ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शाम 4 बजे तक आग में काबू प्राप्त कर घायलों को बाहर निकालकर उपचार के लिए भिजवाया। घटना की जानकारी मिलने पर जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक घटना स्थल पर पहुंचे। अस्पताल की बिल्डिंग पूरी तरह जल गई थी परंतु उन्होंने अंदर जाकर भी जांच की कि कोई व्यक्ति फंसा तो नहीं है।

लगातार हो रही हैं घटनाएं 
पूर्व में मेडिकल कॉलेज में हुए अग्नि हादसे से एक नवजात बच्चे की जलने से मौत हो गई थी। पिछले साल 23 अप्रैल 2021 को अखरी स्थित गैलेक्सी अस्पताल में हुअ अग्नि हादसे में पांच व्यक्तियों की मौत हो गई थी। इस अग्नि हादसे में आठ व्यक्तियों की मौत हुई है। इस सभी घटनों का मुख्य कारण सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करना तथा अग्नि निरोधक उपकरण नहीं होना था।

जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित
घटना की जानकारी के लिए राज्य सरकार के संभागायुक्त की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। कमेटी में संभागायुक्त बी चंद्रशेखर के अलावा संयुक्त संचालक स्वास्थ्य संजय मिश्रा, संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश आर के सिंह तथा अधीक्षण यंत्री विद्युत सुरक्षा अरविंद बोहरे सदस्य होंगे। कमेटी अग्नि दुर्घटना के कारण, फायर सेफ्टी तथा इलेक्ट्रिकल सेफ्टी की अनुमतियां तथा नगर पालिका अधिनियम के प्रावधान अनुसार भवन अनुज्ञा संबंधित अनुमतियों तथा क्रियान्वयन के संबंध में जांच करेगी। कमेटी को एक महीने में रिपोर्ट देनी होगी। 

विस्तार

मध्यप्रदेश के जबलपुर में चंडाल भाटा क्षेत्र में न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में आग लगने के कारण आठ व्यक्तियों की मौत हो गई। इनमें तीन मरीज सहित एक पुरुष तथा दो महिला स्टाफ थी। इसके अलावा दो व्यक्ति एक मरीज को देखने आए थे। अस्पताल में भर्ती तीन मरीजों को आज सुबह ही डिस्चार्ज किया गया था। हादसे के पीछे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। सुरक्षा उपकरण और आपातकालीन गेट नहीं होने की बात सामने आ रही है। जांच के लिए समिति बनाई गई है, जो एक महीने में रिपोर्ट देगी। 

पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के अनुसार अस्पताल के बाहर रखे जनरेटर में स्पार्किंग होने के कारण अग्निहादसा हुआ था। आग लगने के कारण अस्पताल में नीचे तल में चल रही ओपीडी के व्यक्ति बाहर आ गए थे। पहले तल में स्थित आईसीसीयू वार्ड के व्यक्ति निकल पाते इसके पहले ही आग ने विकरात रूप धारण कर लिया था। सूचना मिलने पर दमकल व पुलिस अमला घटना स्थल में पहुंच गया था। उन्होंने आईसीसीयू से 13 व्यक्तियों को बाहर निकाला। जिसमें से कई आग से झुलस गए थे और कई धुएं के कारण सांस नहीं लेने के कारण बेहोश हो गए थे। जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया था। जिसमें से आठ लोगों की मौत हो गई तथा दो व्यक्ति की हालत गंभीर है। तीन व्यक्तियों की हालत खतरे से बाहर है।

आपातकालीन दरवाजा न होने से हुई मौतें 

कलेक्टर इलैयाराजा टी ने बताया कि घटना की जांच के लिए कमेटी गठित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। अस्पताल में सुरक्षा उपकरण तथा आपातकालीन निकासी दरवाजा नहीं होने पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में कमेटी जांच करेगी और नियम के उल्लंघन में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल में आने-जाने के लिए आठ फीट का एक ही दरवाजा था। इसके अलावा अस्पताल में किसी प्रकार को काई आपातकालीन दरवाजा नहीं था। जिसके कारण अस्पताल में फंसे व्यक्तियों को सुरक्षित नहीं निकाला जा सका।

विधायक ने दी थी नगर निगम को जानकारी 

मध्य उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनय सक्सेना ने घटना की जानकारी मिलने पर दोपहर 2.40 बजे नगर निगम को फोन किया। उन्होंने दमकल कर्मियों के निर्देशित किया था कि पहली मंजिल में लोग फंसे हुए हैं। दमकल कर्मियों ने सीढ़ी की मदद से तीन व्यक्तियों को बाहर निकाला। दमकल कर्मियों ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शाम 4 बजे तक आग में काबू प्राप्त कर घायलों को बाहर निकालकर उपचार के लिए भिजवाया। घटना की जानकारी मिलने पर जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक घटना स्थल पर पहुंचे। अस्पताल की बिल्डिंग पूरी तरह जल गई थी परंतु उन्होंने अंदर जाकर भी जांच की कि कोई व्यक्ति फंसा तो नहीं है।

लगातार हो रही हैं घटनाएं 

पूर्व में मेडिकल कॉलेज में हुए अग्नि हादसे से एक नवजात बच्चे की जलने से मौत हो गई थी। पिछले साल 23 अप्रैल 2021 को अखरी स्थित गैलेक्सी अस्पताल में हुअ अग्नि हादसे में पांच व्यक्तियों की मौत हो गई थी। इस अग्नि हादसे में आठ व्यक्तियों की मौत हुई है। इस सभी घटनों का मुख्य कारण सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करना तथा अग्नि निरोधक उपकरण नहीं होना था।

जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित

घटना की जानकारी के लिए राज्य सरकार के संभागायुक्त की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। कमेटी में संभागायुक्त बी चंद्रशेखर के अलावा संयुक्त संचालक स्वास्थ्य संजय मिश्रा, संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश आर के सिंह तथा अधीक्षण यंत्री विद्युत सुरक्षा अरविंद बोहरे सदस्य होंगे। कमेटी अग्नि दुर्घटना के कारण, फायर सेफ्टी तथा इलेक्ट्रिकल सेफ्टी की अनुमतियां तथा नगर पालिका अधिनियम के प्रावधान अनुसार भवन अनुज्ञा संबंधित अनुमतियों तथा क्रियान्वयन के संबंध में जांच करेगी। कमेटी को एक महीने में रिपोर्ट देनी होगी। 

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