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Hindi NewsLocalMpUjjainReality Contrary To Claims; Took Samples Of Mine Water In Panthpipalai, Saw Water From Treatment Plants In Indore And Industries In Dewasउज्जैन5 मिनट पहलेकॉपी लिंकनदियों की दुर्दशा देखी, उधर लाल कारपेट पर सत्कार।शिप्रा और खान में मिलने वाले गंदे पानी की हकीकत देखने के लिए संतों की जमात बुधवार को दिनभर नदियों की परिक्रमा करती रही। उज्जैन में पंथपिपलई पर खान के प्रदूषित पानी के नमूने लिए। इंदौर में ट्रीटमेंट प्लांट की जानकारी ली और देवास में उद्योगों का गंदा पानी शिप्रा में मिलते देखा। इंदौर प्रशासन ने दावा किया कि इंदौर के पानी को साफ कर छोड़ रहे हैं, प्रदूषण करने वाले उद्योगों को सील कर रहे हैं।देवास प्रशासन ने दावा किया कि ट्रीटमेंट प्लांट का टेंडर निकाल दिया है, दो-तीन महीने में पानी साफ करने की शुरुआत हो जाएगी। संत इन प्रयासों से भी संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि शिप्रा में एक बूंद भी खान और औद्योगिक प्रदूषण का पानी नहीं आना चाहिए। क्योंकि शिप्रा में स्नान ही नहीं, लोग आचमन भी करते हैं।सिंहस्थ महाकुंभ में जिस शिप्रा में स्नान होता है उसमें इंदौर की खान नदी का प्रदूषित पानी मिल रहा है। देवास में औद्योगिक प्रदूषण का पानी भी मिल रहा है। इसे रोकने के लिए संतों की जमात आंदोलन पर उतरी हुई है। संतों ने पांच दिन का धरना दिया तो मंत्री डॉ मोहन यादव धरने पर पहुंचे और आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया। फिर भोपाल से सचिव स्तरीय अधिकारियों की टीम आई और अवलोकन कर स्थायी समाधान करने का आश्वासन देकर लौट गई। इन आला अफसरों को स्थानीय अधिकारियों ने संतुष्ट किया कि खान में साफ पानी छोड़ा जा रहा है।अधिकारियों के इस बयान से असंतुष्ट संतों ने बुधवार को उज्जैन से इंदौर और देवास में शिप्रा और खान नदी में मिलने वाले गंदे नालों का मौके पर जाकर अवलोकन किया। खान और शिप्रा के गंदे पानी की स्थिति अफसरों को बताई। इंदौर पहुंचे संतों का प्रशासन ने लाल कारपेट बिछा कर स्वागत सत्कार किया। उन्हें प्रेजेंटेशन के माध्यम से संतुष्ट किया कि हम तो पानी पूरी तरह साफ करके छोड़ रहे हैं।संतों ने कहा है कि वे इस हकीकत की जानकारी सीधे सीएम को देंगे। संतों की ओर से महंत डॉ रामेश्वरदास ने कहा कि हम तो यह चाहते हैं कि खान का एक बूंद भी पानी शिप्रा में न आए। शिप्रा में जो नाले मिल रहे हैं, उन्हें पूरी तरह बंद करें। हमारी मांग खान को ओपन नहर के माध्यम से शहर के बाहर ले जाकर पानी छोड़ने की है।आंखों देखी : संतों की जुबानीपंथ पिपलई में खान नदी की स्थिति बहुत खराब है। पूरा गंदा पानी भरा हुआ है। इसके नमूने भी लिए जो प्रशासन को बताए हैं।इंदौर में कलेक्टर मनीष सिंह ने राजेंद्रनगर के पास बने ट्रीटमेंट प्लांट पर प्रेजेंटेशन से बताया कि इंदौर के नालों को बंद कर दिया है। गंदा पानी 11 ट्रीटमेंट प्लांट से साफ करके छोड़ा जा रहा है। मांगलिया के 4 उद्योग सील कर दिए हैं तथा कुछ पर कार्रवाई होना है। कबीटखेड़ी ट्रीटमेंट प्लांट का भी अवलोकन किया।सांवेर में भी गंदा पानी ही भरा हुआ है। प्रशासन का कहना था कि सांवेर के लिए ट्रीटमेंट प्लान बन गया है।देवास में नागधम्मन नदी से उद्योगों का गंदा पानी शिप्रा में मिल रहा है। गदाइशा पिपलिया व हवनखेड़ी में नालों से सीधा पानी आ रहा है। कलेक्टर चंद्रमोली शुक्ला ने कहा कि हमने प्रोजेक्ट बनाकर टेंडर निकाल दिए हैं। दो महीने में साफ पानी छोड़ा जाएगा।(जैसा संतों ने बातचीत में बताया।)इधर रामवासा डेम खोलने का विरोधजल संसाधन विभाग ने खान नदी के रामवासा स्टापडेम को खोल दिया है। इससे यहां भरा पानी खाली हो रहा है। किसानों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि गेहूं की फसल के लिए किसानों को पानी के संकट का सामना करना पड़ेगा। गेट बंद कर पानी रोका जाना चाहिए।जब इस पानी को पी नहीं सकते तो आप शिप्रा में क्यों छोड़ रहे हो?संतों ने कहा- सांवेर में भी ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाए उज्जैन से साधु-संतों का एक दल इंदौर के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और खान नदी की जांच के लिए आया। कलेक्टर मनीष सिंह और निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने उन्हें प्रेजेंटेशन से बताया कि इंदौर सीवरेज के पानी को ट्रीटमेंट के बाद ही नदियों में छोड़ रहा है। इस पर संतों ने पूछा यह इंदौर के लिए तो बहुत अच्छा प्रयास है लेकिन शिप्रा के पानी से हम आचमन करते हैं, यह पानी पीने योग्य है क्या? इस पर अधिकारियों ने कहा यह पानी पीने योग्य नहीं है।इस पर संतों ने कहा, तो फिर इसे क्यों शिप्रा में छोड़ा जा रहा है, आप इसे खेती में इस्तेमाल कीजिए। सांवेर में फैक्टरियों से गंदा पानी खान में मिल रहा है, इन पर कार्रवाई की जानी चाहिए और यहां भी एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाना चाहिए। संतों को निगम अफसरों ने चौधरी पार्क नाला भी दिखाया, यहां पर संतों ने नर्मदा के पानी से मंत्रोच्चार कर शुद्ध जल प्रवाहित किया। इसके बाद संतों का दल रवाना हो गया।5 फैक्टरियों पर कार्रवाई, विद्युत कनेक्शन भी काटेसंतों द्वारा प्रदूषित जल छोड़ने वाली फैक्टरियों पर कार्रवाई के सुझाव के बाद जिला, निगम व प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम ने सांवेर रोड की पांच फैक्टरियों पर कार्रवाई की। जीएनएस इंडस्ट्रीज (संचालक कपिलेश रमनानी) सेक्टर ई औद्योगिक क्षेत्र की फैक्टरी सील कर दी गई। वहीं जयश्री सालासर इंडस्ट्रीज (संचालक गणेश विजयवर्गीय), जीआरवी बिस्किट्स (संचालक मनवे सिंह ग्रेवाल) सेक्टर ई औद्योगिक क्षेत्र, मेसर्स कुंदन इंटरप्राइजेस (संचालक रवि जादम) सेक्टर एफ, एस एंड श्रीफल कन्फेक्शनर (संचालक नीरज वाधवानी) सेक्टर ई औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत सभी मजदूरों को बाहर कर प्रोडक्शन रुकवा दिया गया। उनके विद्युत कनेक्शन भी काट दिए गए। संचालकों से कहा कि दूषित जल के उपचार के लिए उपयुक्त व्यवस्था करें इसके बाद ही उन्हें दोबारा शुरू करने की अनुमति मिलेगी।खबरें और भी हैं…
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