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बालाघाट5 घंटे पहलेकॉपी लिंकविश्व दिव्यांग दिवस पर शुक्रवार को रेंजर काॅलेज बालाघाट में दिव्यांग जनों की खेलकूद प्रतियोगिता एवं सामर्थ्य प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन, जनपद पंचायत अध्यमक्ष पुरनलाल ठाकरे, जिला पंचायत के मुख्यक कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार, पूर्व विधायक रमेश भटेरे, जिला शिक्षा अधिकारी अश्विनी कुमार उपाध्याय, डीपीसी पीआर मेश्राम एवं बीआरसी नरेन्द्र राणा उपस्थित थे।विश्व दिव्यांग दिवस के शुभारंभ अवसर पर अतिथियों द्वारा सरस्वती जी की छायाचित्र पर माल्यार्पण कर कन्या पूजन किया गया। कार्यक्रम में विशेषजनों का मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष बिसेन द्वारा शॉल, श्रीफल से स्वागत किया गया।वहीं विशेषजनों ने अपने विचार रखकर अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में उपस्थित दिव्यांग बालिका ने सभी माता-पिता से अनुरोध किया। कोई भी माता-पिता निराश न हों, आप हमेशा हमारे साथ खडे़ रहें।मंचासीन मप्र पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन व प्रस्तुति देती बच्ची।इस अवसर पर मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि समाज हमारा आदर्श और सेवा हमारी आराधना होती है। अगर हमारी सोच हमारी अच्छी हो और मन में दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो हम अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।प्रतियोगिता में दौड़ लगातीं बच्चियां।समाज में हर वर्ग के लोग होते हैं और समाज में हमें दिव्यांगजनों का सम्मान कर उनके साहस एवं मनोबल को बढ़ाने का कार्य करना चाहिए। ईश्वर ने आमजन लोगों की तुलना में दिव्यांगजनों को विशेष शक्ति प्रदान की है और वे समाज के अभिन्न अंग हैं।दौड़ लगाते बच्चे।जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार ने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चे की विशेषता पर ध्यान देकर उसको समझना चाहिए। उनके हुनर को पहचान कर उसे उसी ओर बढ़ाने का प्रयास करना होगा। पूरे समाज की जिम्मेदारी माता-पिता पर होती है। हमें नकारात्मक सोच को दूर कर सकारात्मक सोच रखने की आवश्यकता है। समाज में जो व्यक्ति गलत काम करता है, वह दिव्यांग कहलाता है।कार्यक्रम में दिव्यांगजनों द्वारा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में दिव्यांग बच्चों के सामर्थ्य अनुसार खेल यथा (100मी. दौड़, 200मी. दौड़, ट्रायसाइकिल दौड़, कुर्सी दौड़, तवा फेंक, गोला फेंक, मटकी फोड़ आदि) सांस्कृतिक कार्यक्रम (गायन, नृत्य) तथा सामर्थ्य प्रदर्शन के तहत (चित्रकला, रंगोली, मेहंदी, मिट्टी के खिलौने बनाना आदि) शामिल रही। कार्यक्रम के अंत में प्रतियोगिता में भाग लेने वाले तथा उपस्थित सभी दिव्यांग बच्चों को प्रशस्ति पत्र तथा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।खबरें और भी हैं…
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