–पर्यावरण संरक्षण परिक्रमा यात्रा का डोलरिया खेड़ापति मंदिर में हुआ स्वागत
अनोखा तीर, नर्मदापुरम। हरदा जिला के हंडिया नर्मदा तट से 2 जनवरी प्रारंभ हुई नर्मदा पर्यावरण संरक्षण परिक्रमा मंगलवार को नर्मदापुरम से डोलरिया पहुंची। इस यात्रा में 21 सदस्य मां नर्मदा और पर्यावरण संरक्षण को लेकर मां नर्मदा की परिक्रमा पर चल रहे हैं। वृक्षारोपण अभियान के लिए प्रेरित करने को लेकर अमृत वन संरक्षण फाउंडेशन के बैनरतले नर्मदा संरक्षण संभावना यात्रा निकली जा रही है। जिसमें पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में विभिन्न स्तरों पर कार्य करने वाले साधु संत, पर्यावरण प्रेमी जैसे देश की सर्वाधिक आयु वर्ग में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पर्वतारोही श्रीमती ज्योति रात्रे, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पर्यावरण प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी शिव शंकरजी, दैनिक अनोखा तीर के संपादक एवं वरिष्ठ पत्रकार प्रहलाद शर्मा शामिल हैं, जो यात्रा के माध्यम से जगह-जगह रूकते हुए सोमवार देर रात नर्मदापुरम पहुंची। सभी तीर्थ यात्रियों ने मां नर्मदा के सेठानी घाट पर नर्मदा पूजन किया। मंगलवार को सुबह यात्रा ग्राम पंचायत डोलरिया पहुंची, जहां ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया। पर्यावरण तीर्थ यात्रियों का ग्राम के वरिष्ठ समाजसेवी चंदनसिंह परिहार, मोहन सिंह राजपूत (बड़कुर), नरेंद्र राजपूत मनोज राजपूत, अनिल भदौरिया, सत्यनारायण सिंह परिहार, बृजेश दुबे, चिंटू नाना, अनिकेत राजपूत, अर्जुन राजपूत, विजय यादव, सतीश राजपूत, ऋषभ राजपूत, मयूर राजपूत, सुनील योगी, शरद राजपूत, सुनील राजपूत, मुकेश राजपूत, राजेंद्र यादव, नरेंद्र यादव ने स्वागत किया। अनोखा तीर न्यूज पेपर नर्मदापुरम के जिला ब्यूरोचीफ बसंत मांझी ने भी शाल श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। यात्रा में शामिल सदस्य एवं दैनिक अनोखा तीर के संपादक प्रहलाद शर्मा ने संगोष्ठी कर कहा कि इस यात्रा के माध्यम से संपूर्ण नर्मदा घाटी के जिलों में किसानों को आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करते हुए लगभग 50 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि योग्य भूमि की मेड़ों पर 50 करोड़ पौधों का रोपण करना है। 60 लाख से अधिक लोगों को 20 करोड़ कार्य दिवस का रोजगार तथा 10 लाख करोड़ से अधिक कास्ट उत्पादक लक्ष्य रखा गया है। पर्यावरणप्रेमी गौरी शंकर मुकाति का कहना है तुम मुझे मेड़ दो मैं तुम्हें पेड़ दूंगा। आज हमें पेड़ लगाना और उनकी देखभाल करना बहुत जरूरी है। नर्मदा के तटवर्ती क्षेत्र में तथा उसके सहायक नदी नालों के किनारे स्थित अपने खेतों की मेड़ों पर पौधारोपण करें। जीवन में पेड़ मनुष्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। यह हमें ऑक्सीजन और नई जिंदगी प्रदान करते हैं। मां नर्मदा का आंचल साफ रखते हुए मां नर्मदा को स्वच्छ बनाने हमें प्रयास करने चाहिए, जिससे मां नर्मदा में कल-कल पानी बहता रहे और हमारी धरती हरी भरी रहे। नर्मदा पर्यावरण संरक्षण परिक्रमा यात्रा का समापन हंडिया के नर्मदा घाट पर होगा। जिसके बाद सभी तीर्थ स्थलों का जल लेकर ओंकारेश्वर जाकर अभिषेक करेंगे।
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