अपर मुख्य सचिव मंडलोई ने पुल की दरारों को बताया अच्छा
अनोखा तीर, भोपाल : संस्कारधानी जबलपुर के नवनिर्मित फ्लाई ओवर ब्रिज में उभरी दरारों को जांच दल ने पुल के लिए अच्छा बताया है। पुल के उद्घाटन से पहले ही इस पर पैदा दरारों को लेकर विपक्ष ने सरकार पर बड़ा हमला बोला था। इसके बाद विभागीय मंत्री राकेश सिंह के निर्देश पर पीडब्ल्युडी के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई व इंजीनियर्स ने पुल का निरीक्षण किया। जांच दल ने पुल में आई दरारों को तकनीकि तौर पर ठीक ठहराया। अधिकारियों ने दलील दी कि पुल निर्माण में दो स्ट्रक्चर को जोड़ने टी ज्वाइंट का उपयोग होता है। ताकि स्ट्रक्चर आपस में रगड़ खाकर टूटे नही, और पैदा दरारें इसी ज्वाइंट पर लगे डामर की है जो ठंड के कारण आई। ये पुल के लिए नुकसानदायक नहीं हैं। इसके साथ ही पुल निर्माण को लेकर मचा बवाल थमने के आसार हैं। बता दें कि जबलपुर में नवनिर्मित पुल मप्र का सबसे बड़ा फ्लाई ओवर है। सबसे खास बात ये है कि इस ब्रिज के नीचे जबलपुर का दूसरा रेलवे स्टेशन मदन महल मौजूद है। ऐसे में एक ओर जहां इसके नीचे से ट्रेने गुजरेंगी तो ऊपर की ओर से सिटी ट्रैफिक फर्राटा भरते हुए निकलेगा। करीब 8 सौ करोड़ की लागत से तैयार यह देश का ऐसा इकलौता ब्रिज है, जो किसी रेलवे स्टेशन के ऊपर से होकर गुजर है। फ्रांस की तकनीक पर बने इस ब्रिज को आंध्र प्रदेश की एनसीसी कंपनी ने तैयार किया है। इसमें स्वदेशी के बिल का उपयोग किया गया। खास बात यह कि संस्कारधानी का यह ब्रिज प्रदेश की पीडब्ल्युडी मंत्री राकेश सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट है। पुल निर्माण के लिए केंद्र से राशि लाने से लेकर इसकी मंजूरी को लेकर उन्होंने विशेष जतन किए। ऐसे पुल को लेकर उठे सवालों को लेकर मंत्री ने तत्काल इसकी जांच करवाकर विपक्ष को जवाब देने का काम भी किया है। मप्र में अधोसंरचना विकास का कार्य तेज गति से किया जा रहा है। सीधी के समीप बनी टनल हो या जबलपुर में मप्र का सबसे लंबा फ्लाई ओवर, इसकी बानगी है। पुल बनाने में निर्माण एजेंसियां यूं भी कोई जोखिम मोल नहीं लेती। विशेषकर जब देश का पहला ब्रिज जो रेलवे स्टेशन के ऊपर बना हो। जिसके नीचे से रात दिन ट्रेन गुजरें और ऊपर शहर का यातायात। प्राकृतिक कारणों के चलते उपजी मामूली खामियों को लेकर उठाए गए सवाल संबंधित निर्माण एजेंसी की साख को भी प्रभावित करते हैं। प्रदेश के पीडब्ल्युडी मंत्री राकेश सिंह ने तत्काल इस मामले की जांच कराकर दूध का दूध और पानी का पानी करने का काम किया है।
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