–सोयाबीन को बोतल लगाकर व्हीलचेयर पर लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे किसान
-कहा किसान को सोयाबीन भाव, नहर का पानी, डीएपी और बिजली प्रर्याप्त नहीं मिलने से है परेशान
अनोखा तीर, हरदा। मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित जिला पंचायत में चल रही जनसुनवाई में जिले के किसान अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्टर आदित्य सिंह के पास निराकरण के लिए पहुंचे। जहां किसानों ने अनूठे ढंग से प्रदर्शन कर नारी बाजी की। हालांकि एसडीएम की समझाइश पर जिला पंचायत परिसर के अंदर किसानों ने नारेबाजी बंद कर दी। इस प्रदर्शन में किसानों ने एक व्हीलचेयर पर सोयाबीन की बोरी रखी जिसे बाटल लगाकर रखा गया। किसानों का कहना है कि सोयाबीन बीमार हो चूकि है, इसे सही इलाज की आवश्यकता है। किसान लंबे समय से समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदी शुरू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर सोयाबीन उपार्जन का निर्णय तो लिया गया, परंतु समय पर खरीदी कार्य शुरू होने के कारण किसान अपनी उपज को मंडी में औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं। साथ ही किसानों को रबी सीजन के बोनी के लिए प्रर्याप्त मात्रा में नहर से पानी नहीं दिया जा रहा है साथ ही नहरों की सफाई नहीं होने से टेल क्षेत्र तक पानी पहुंचने में लम्बा समय लग रहा है। वही जिन क्षेत्रों में किसान मोटर पम्प से सिचांई पर निर्भर है उन्हें प्रर्याप्त बिजली उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। इन सभी समस्याओं के कारण जिला का किसान आक्रोशित है और अपने आक्रोश को जाहिर करने के लिए किसानों ने जनसुनवाई में अनोखे ढंग से अपनी बात रखी। किसानों का कहना है कि सोयाबीन की फसल के लिए उन्होंने अपनी मेहनत और संसाधन झोंके, लेकिन उचित मूल्य नहीं मिलने से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसान नेता ने बताया कि प्रशासन ने 25 अक्टूबर से समर्थन मूल्य पर खरीदी का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक सोयाबीन की खरीदी शुरू नहीं हो पाई है। इस देरी के कारण किसान अपनी फसल मंडी में 1000 से 1500 रुपए कम भाव में बेचने पर मजबूर हैं। प्रदर्शन में शामिल किसानों ने जनसुनवाई के दौरान या तो भाव दो या मार दो जैसे नारे भी लगाए। जिससे उनकी निराशा और गुस्सा साफ नजर आ रहा था। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि किसानों को समर्थन मूल्य पर सोयाबीन का उचित दाम दिया जाए, ताकि उनकी मेहनत का सही मोल मिल सके। किसानों ने कहा कि यदि जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आने वाले दिनों में और उग्र आंदोलन करेंगे। जनसुनवाई में अधिकारियों ने किसानों की बात सुनी और उन्हें जल्द ही समाधान का आश्वासन दिया, लेकिन किसानों का कहना है कि इस बार वे केवल आश्वासन पर संतुष्ट नहीं होंगे, बल्कि ठोस कार्रवाई की अपेक्षा रखते हैं। जिले में किसानों ने प्रदर्शन प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि अगर उनकी मांगों का जल्द से जल्द समाधान नहीं होता है तो किसानों को मजबूरी आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।सब स्टेशन पर स्टाप नहीं कैसे मिलेगी बिजलीकिसानों ने बताया कि सोनतलाई सब स्टेशन पर बिजली विभाग के पास स्टाप ही नहीं है, जिसके कारण बिजली बंद पड़ी है। एक ही व्यक्ति को एसडीओ, इंजीनियर और अन्य कार्य को देखना पड़ रहा है। इसे में सब स्टेशन पर पदस्थ कर्मचारी स्टाप नहीं होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेते है। बिजली व्यवस्था नहीं होने के कारण क्षेत्र के किसानों को खेत में सिंचाई करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस कलेक्टर आदित्य सिंह द्वारा जल्द ही समाधान करने का आश्वासन दिया गया।सोयाबीन खरीदी को लेकर की चर्चाजनसुनवाई में पहुंचे किसानों ने कहा कि सोयाबीन की एमएसपी पर खरीदी २५ अक्टुबर तक शुरू होनी थी, लेकिन आज १२ नंवबर तक भी इस व्यवस्था को पूर्ण रूप से शुरू नहीं किया गया है। जिससे किसानों को मंडी में ओने-पौने दाम पर अपनी फसल बेचना पड़ रही है, जिस कारण प्रति $क्विटल १ हजार से १५०० रुपए का नुकसान हो रहा है। जिस कलेक्टर सिंह द्वारा किसानों को बताया गया कि जिले में ३३ खरीदी केन्द्रों पर खरीदी शुरू कर दी गई। अगर किसी केन्द्र पर व्यवस्थाए नहीं होने के कारण खरीदी शुरू नहीं हुई है तो आप बताए मैं स्वयं वहा का दौरा करूंगा।ठोस और स्थाई कदम नहीं उठाने पर करेंगे आंदोलनअपनी समस्याओं के लेकर जनसुनवाई में पहुंचे किसान आक्रोश मोर्चा के किसानों ने बताया कि यदि समय रहते किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए ठोस और स्थाई कदम नहीं उठाए जाते है तो जिले के किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे। लगतार किसानों की समस्याए बढ़ती ही जा रही है। कोई भी जिम्मेदार किसानों की समस्या का समाधान नहीं करा पा रहा है। आज क्षेत्र के किसानों द्वारा जनसुनवाई में अपने समस्याएं रखी गई है, यदि इस ओर ध्यान देकर ठोस कदम नहीं उठाया जाता है तो आने वाले समय में किसानों का आक्रोश आंदोलन के रूप में दिखेगा।