सकारात्मक सोच से उद्योगों के विकास का समन्वित प्रयास : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


-ग्वालियर आरआईसी में प्राप्त हुए 8 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव
-भिंड, शाजापुर, धार, नीमच, पांढुर्णा जिलो में 1586 करोड़ की 47 इकाइयों का शुभारंभ
अनोखा तीर, भोपाल।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल नीतियों और वातावरण के साथ प्रशासनिक स्तर पर भी स्वागत व अभिनंदन का भा रहेगा। प्रदेश में सकारात्मक सोच के साथ औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं। ग्वालियर आरआईसी में 8 हजार करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे 35 हजार से अधिक रोजगार के नवीन अवसर प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर 1586 करोड़ रूपए की लागत से प्रदेश में 47 नई औद्योगिक इकाइयों का सिंगल क्लिक से भूमिपूजन और लोकार्पण किया। यह कॉन्क्लेव विरासत, इतिहास और उद्योग की थीम पर केन्द्रित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रीजनल कॉन्क्लेव मात्र कहने के लिये रीजनल हैं, हकीकत में यह कॉन्क्लेव राज्य स्तरीय है। इन औद्योगिक इकाइयों के प्रांरभ होने से स्पंदन पूरे प्रदेश में होना है। मंच पर 5 औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन पत्र भी प्रदान किए गए। इसके साथ ही ग्वालियर-चंबल जिले के 8 जिला स्तरीय इंडस्ट्री फेसिलिटेशन सेंटर का शुभारंभ किया गया। ये केन्द्र ग्वालियर, मुरैना, भिंड, श्योपुर, शिवपुरी, दतिया, गुना और अशोकनगर में आज से ही प्रांरभ हो गए हैं। कॉन्क्लेव में मेक्सिको, जाम्बिया के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्वालियर में निजी क्षेत्र में बड़ा चिकित्सालय भी खोला जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कॉन्क्लेव के आयोजन के पीछे यह भाव भी है कि उद्योगपति प्रदेश की विशेषताओं को आकर स्वयं देखें और मध्यप्रदेश मंद उद्योग स्थापना का निर्णय लें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज ग्वालियर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे।  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अन्य अतिथियों के साथ इस वर्ष की तृतीय रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का ग्वालियर में दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। प्रारंभ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कृषि विश्वविद्यालय परिसर में राजमाता श्रीमती विजयाराजे सिंधिया की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। साथ ही सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र के उद्योग विकास की संभावनाओं पर केन्द्रित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अनुकृलता से उद्यमशीलता का विकास और तीव्र गति से संभव है। उद्योग और निवेश की दृष्टि से ग्वालियर प्रमुख केंद्र रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने इंदौर की हुकुमचंद मिल के श्रमिकों को मुआवजा राशि दिलवाने का कार्य किया गया है। यह कार्य अनेक वर्ष से लंबित था। रुग्ण औद्योगिक इकाइयों की समस्याएं भी हल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब ऐसे अन्य मामलों के लिए जरूरी निर्णय लिए जाएंगे। जेसी मिल ग्वालियर की समस्या भी हुकुमचंद मिल की तर्ज पर हल की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से हमें सुशासन कर्म और धर्म के लिए कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर चिकित्सा और हेल्थ सेक्टर में ग्वालियर में एक निजी क्षेत्र का बड़ा अस्पताल प्रारंभ करने की घोषणा की।  मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र में 4 नये औद्योगिक पार्क खोले जाने की घोषणा की। इसमें गुना के चेनपुरा में 333 हेक्टेयर, ग्वालियर जिले के मोहना में 210 हेक्टेयर,  मुरैना के मवई में 210 हेक्टेयर और शिवपुरी के गुरावल में 30.64 हेक्टेयर में औद्योगिक पार्क विकसित किए जाएंगे। साथ ही मुरैना जिले के औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर में पुलिस चौकी और औद्योगिक क्षेत्र बामोर में फायर स्टेशन की स्थापना की जाएगी।  शुभारंभ सत्र में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, सूक्ष्म, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंसाना, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, लोक निर्माण मंत्री राकेश शुक्ला, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण, उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी, सांसद श्रीमती संध्या राय, सांसद भारत सिंह कुशवाह, सांसद शिवमंगल सिंह तोमर, ग्रामोद्योग राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल, उपस्थित थे।

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