सावन माह की पहली तेज बारिश में ही मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में लोगों की फजीहत हो गई। करीब डेढ़ घंटे तक जोरदार बारिश से जनजीवन पर तो असर पड़ा ही निचले इलाकों में भी पानी भर गया। शहर में घरों और दुकानों में भी पानी भर गया।
खरगोन:-शहर में सोमवार को सुबह से तेज बारिश हुई। कहीं चार फीट पानी तो कहीं दो फीट पानी भरा था। पानी की निकासी नहीं होने से लोगों की दुकानों, घरों और सरकारी कार्यालयों में पानी घुस गया। इसके चलते कई लोगों के घरों में भोजन तक नहीं बन पाया। सराफा बाजार में बाढ़ जैसा हालात थे। श्रावण की पहली तेज बारिश में ही जलभराव की स्थिति बन गई।
डेढ़ घंटे तक चला तेज बारिश का दौर
सुबह करीब 11 बजे तेज बारिश शुरू हुई, जो दोपहर 12.30 बजे तक एक समान रही। बारिश की तेज बौछारों मानों शहर को बहाने की नीयत से बरस रही थी। हालांकि, तेज बारिश डेढ़ घंटे बाद रिमझिम में बदल गई, जिससे दुकानदारों, सड़क पर दुकान सजाने वाले लोगों ने राहत महसूस की। इस दौरान शहर का हर क्षेत्र जलमग्न हो गया। सड़कों पर जलभराव होने से बसों, ट्रकों के साथ छोटे वाहनों के संचालन में मुश्किल हो रही थी।

जलमग्न हो गईं सड़कें
तेज बारिश से सड़कें पानी में पूरी तरह जलमग्न हो गईं। इससे अंदाजा लगाकर वाहन चालक सड़कों से गुजरने लगे। इस दौरान शहर के गोशाला मार्ग पर एक मारुति वैन चालक सड़क का अंदाजा नहीं लगा पाया और वाहन नाले में जा धंसा। गनीमत रही कि किसी को चोट नहीं आई।
कई इलाकों में जलभराव
उल्लेखनीय है कि पिछले एक सप्ताह से कभी रिमझिम तो कभी तेज बारिश का दौर चल रहा है। इस कारण शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई। कोर्ट के पीछे और अपेक्स बैंक के पास नाले की बंद कर दिया है। यहां पानी सरकारी कर्मचारियों के मकानों में घुसा। इससे लोग परेशान हुए। नगर पालिका के पार्षद व अधिकारियों को शिकायतें कीं, लेकिन कोई निराकरण नहीं हो पाया। लोगों ने खाना नहीं बनाया। पानी बाहर निकालते रहे। कर्मचारियों ने बताया कि रात में सो भी नहीं पाएंगे।
कसरावद और महेश्वर में भी बारिश
उधर, जिले में लगातार तीन दिन से तेज व रिमझिम बारिश जारी है। जिले में करीब 70 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है। सबसे ज्यादा खरगोन, कसरावद, महेश्वर में बारिश हुई है। अब तक जिले में 400 मिमी बारिश दर्ज हुई है। गत वर्ष इस अवधि में 314 मिमी बारिश हुई थी। जिले की औसत बारिश 825 मिमी है। बारिश के चलते और बरगी बांध के गेट खोलने के बाद नर्मदा का जलस्तर बढ़ा है।
हर साल बाढ़, दुकानों के सामने बिगड़ते हैं हालात
शहर में कई जगह पानी की निकासी नहीं होने के कारण लोग दिनभर परेशान हुए। शहर का प्रमुख बाजार सराफा बाजार, बिस्टान नाका, राधावल्लभ मार्केट, बस स्टैंड, बिस्टान रोड, श्रीकृष्ण तिराहे से लेकर पोस्ट ऑफिस चौराहे तक बाढ़ जैसा हालात हो गए। यहां चार फीट से ज्यादा पानी बहता रहा। व्यापारियों की दुकानों में पानी घुस गया। कई मकानों में पानी जमा हो गया। लोगों का निकलना मुश्किल हो गया।
व्यापारियों का भी हुआ नुकसान
कई व्यापारियों की दुकानों से पानी से नुकसान भी हुआ। व्यापारी मिलन महाजन, विनय महाजन ने बताया कि बारिश के चार माह तक दुकानों के सामने बाढ़ जैसे हालात हो जाते हैं। यहां नगर पालिका ने पानी की निकासी नहीं की है। इसके चलते हर साल चार माह तक व्यापारी परेशान होते हैं। कई काॅलोनियों में भी पानी जमा हो गया था। रहवासी परेशान हुए।
ठोस निराकरण करना होगा
नगर पालिका ने शहर में निर्माण कार्य किए हैं, लेकिन नियमानुसार नहीं किए हैं।
मुख्य बाजारों पर नालियों का निर्माण किया है, लेकिन उसमें निकासी सही तरीके से नहीं की गई है।
कई व्यापारियों ने सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण भी किया है।
कई व्यापारियों ने भी अपनी दुकान के सामने ओटले बना लिए हैं।
अतिक्रमण के कारण ही बारिश का पानी सड़क पर जमा हो जाता है।
शहर के लोगों का कहना है कि नगर पालिका को समस्या का ठोस निराकरण करना होगा
लोगों के अनुसार वर्षा चार माह तक होती है। इसमें शहरवासी व व्यापारी परेशान नहीं हो सकते हैं।
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