अनोखा तीर, हरदा। मूंग खरीदी को लेकर जिले के किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भारतीय किसान संघ जिला हरदा के आव्हान पर कृषि उपज मंडी में सैकड़ो किसान तीन सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे हंै। धरने पर बैठे किसान नेताओं ने मंच से सरकार को जमकर घेरा। मांग नहीं मामने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी देते हुए अगले चुनाव की याद दिलाई और कहा कि यदि सरकार हमारा काम नहीं करेगी, तो हम भी अगले चुनाव में काम नहीं आएंगे। चुनाव के वक्त सरकार के मुखिया ने किसानों के काम करने के बात कही थी। सरकार द्वारा छोटी-छोटी योजनाएं देकर लोगों को निकम्मा बना दिया है। जय बलराम, जय किसान के नारे लगाते हुए कहा कि किसान कोई भिखारी नहीं है यह वह अन्नदाता है, जिसके उगाए अनाज से पूरा समाज पलता है। दिन-रात कड़ी मेहनत करके किसान फसल तैयार करता है। प्रांतीय संगठन मंत्री मनीष शर्मा ने कहा कि किसानों की मांग है कि वर्तमान में आठ क्विटंल प्रति हेक्टेयर मंूग की खरीदी का आदेश दिया है, जिसकी जगह पूर्व की तरह सोलह क्विटंल प्रति हेक्टेयर मूंग की खरीदी की जाए। प्रति किसान से प्रतिदिन २५ क्विटंल खरीदी की जाएगी उसकी मात्रा बढ़ाकर प्रति किसान प्रतिदिन ४० क्विटंल खरीदी की जाए। तीसरी मांग में मूंग की उपज का वजन बड़े प्लेट कांटे से करवाया जाए। किसानों की इन तीनों मांगो को सरकार को मानना होगा अन्यथा हरदा की सड़कों पर इतनी संख्या में किसान निकलेगा की इतिहास बन जाएगा।
जिलाध्यक्ष महेश शर्मा ने बताया कि हरदा सहित प्रदेश के १६ जिलों किसानों ने मंूग की फसल पैदा की है। सरकार ने मंूग खरीदी जो पहले होती थी उसकी मात्रा को घटाकर आधा कर दिया। अब बची फसल किसान को ओने-पोने दाम पर मंडी में मजबूरी में बेचना पड़ेगी। इसी के लिए विरोध धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है। हमारी मांगे पूरी करना प्रशासन के बस की बात नहीं है। इसीलिए हम सरकार से मांग कर रहे है। अगले सात दिनों तक जिले के किसानों द्वारा लगातार प्रदर्शन किया जाएगा। अगर इसके बाद भी मांगे नहीं मानी गई तो हजारों की संख्या में किसान भोपाल पहुेंगे। धरना स्थल पर संभागीय संगठन मंत्री दिनेश शर्मा, प्रदेश महामंत्री चंद्रकांत गौर, मंत्री विजय मालगाया, नरेन्द्र दोगने, हरिशंकर सारण, दीप्ति जाट सहित जिले किसान मौजूद रहे।
जिले में १ लाख ५ हजार ४२ हेक्टेयर में ग्रीष्मकालीन मंूग फसल की बोनी की गई थी। मूंग बेचने के लिए ३४ हजार ८८५ किसानों ने पंजीयन कराया है। वही मंूग उपार्जन के लिए जिले में ५० उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए है।
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