राष्ट्रीय

हाई कोर्ट ने कर्मचारियों को दी बड़ी राहत, मिलेगा न्यूनतम वेतनमान का लाभ

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने पंचायती राज विभाग में कार्यरत तकनीकी सहायकों को बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने पंचायतों में कार्यरत तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतनमान देने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा  राज्य सरकार की नीति के तहत उन्हें नियमित करने के भी आदेश दिए हैं।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप शर्मा ने के आदेशों को निरस्त करते हुए यह निर्णय सुनाया।
हाई कोर्ट ने प्रदेश के सभी तकनीकी सहायकों को न्यूनतम वेतनमान और राज्य सरकार की नीति के तहत नियमितिकरण के लिए भी हकदार ठहराया है।पंचायत विभाग ने जिला परिषदों को आदेश दिए थे कि तकनीकी सहायकों को सिर्फ कमीशन के आधार पर पारिश्रमिक दिया जाए, इस पर मोहित लट्ठ और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं में विभाग के वेतन न देने के निर्णय को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।

याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया गया कि प्रदेश सरकार ने अप्रैल, 2008 को ग्राम पंचायत स्तर पर तकनीकी सहायकों को नियुक्त करने के लिए अधिसूचना जारी की थी और वेतन निर्धारण के नियम भी बनाए थे। इसके तहत राज्य सरकार ने नियमित तकनीकी सहायक को 10300-34800 और 3000 रुपए का ग्रेड पे एवं अनुबंध सहायकों को 5910 और सिर्फ 3000 रुपए के ग्रेड पे का प्रावधान किया गया था।

इसके बाद राज्य सरकार ने  जुलाई, को तकनीकी सहायक के 1081 पद स्वीकृत करने का निर्णय लिया और वर्ष 2020 में 115 खाली पदों को भरने की प्रक्रिया कर दी लेकिन याचिकाकर्ताओं को इस चयन प्रक्रिया में अनुबंध आधार पर नियुक्त किया गया था। उनके नियुक्ति पत्र में भी उन्हें 8910 रुपए मासिक दिए जाने का निर्णय लिया गया था।विभाग ने बाद में इसे वापस लेते हुए सिर्फ कमीशन ही देने का निर्णय लिया था। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार वर्ष 2005 में केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम बनाया था। हाई कोर्ट ने विभाग की ओर से जारी के कमीशन आधार पर वेतन देने के आदेशों को निरस्त करते हुए यह निर्णय सुनाया।

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